महाराष्ट्र

Maharashtra Assembly Election 2024: चुनावी जंग में ‘वोट-जिहाद’ का इस्तेमाल पड़ेगा भारी, जानें कैसे चुनाव आयोग रखेगा नजर!

Maharashtra Assembly Election 2024: चुनावी जंग में 'वोट-जिहाद' का इस्तेमाल पड़ेगा भारी, जानें कैसे चुनाव आयोग रखेगा नजर!
Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस. चोकलिंगम ने बुधवार को कहा कि मतदान के पैटर्न को सांप्रदायिक रंग देने और ‘वोट-जिहाद’ जैसे शब्दों के प्रयोग को कानूनी रूप से निपटाया जाएगा।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा हो चुकी है। इस बार चुनाव 20 नवंबर को एक ही चरण में होने वाले हैं। ‘वोट-जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल हाल ही में बीजेपी नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया था, जिसके बाद इस मुद्दे ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी थी।

चोकलिंगम ने स्पष्ट किया कि चुनावी आचार संहिता लागू होने के बाद अगर कोई नेता ऐसे सांप्रदायिक शब्दों का इस्तेमाल करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ‘विधानसभा चुनाव’ (assembly election) और ‘वोट-जिहाद’ पर सख्ती (strict action on vote-jihad) जैसे शब्दों को लेकर राज्य चुनाव आयोग का रुख साफ है कि कोई भी उकसाने वाले शब्दों का उपयोग चुनावी प्रक्रिया में सहन नहीं किया जाएगा।

आचार संहिता के उल्लंघन पर सख्ती

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि आचार संहिता लागू होने के बाद अगर सरकार कोई नया आदेश जारी करती है, तो उसे भी कानून के तहत देखा जाएगा। चोकलिंगम के अनुसार, चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा, “अगर किसी भी सरकारी विभाग से आचार संहिता के दौरान नए सरकारी आदेश जारी होते हैं, तो उन्हें तुरंत रोका जाएगा और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।”

चुनावी प्रक्रिया को स्वच्छ और पारदर्शी बनाए रखने के लिए आयोग ‘चुनावी आचार संहिता’ (model code of conduct) का पालन सुनिश्चित करेगा और किसी भी तरह की धांधली या गलत शब्दावली के इस्तेमाल पर तुरंत कार्रवाई होगी। इस प्रक्रिया के तहत आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित शिकायतें जांची जाएंगी और कानून के अनुसार रिपोर्ट बनाई जाएगी।

मतदाता सूची में बड़े बदलाव

मुख्य निर्वाचन अधिकारी चोकलिंगम ने बताया कि इस साल मतदाता सूची में 69,23,199 नए मतदाताओं को जोड़ा गया है। अब तक की मतदाता संख्या 9,63,69,410 हो चुकी है, जबकि 2019 में यह संख्या 8,94,46,211 थी। इसमें से 4,97,40,302 पुरुष मतदाता हैं और 4,66,23,077 महिलाएं हैं। उन्होंने बताया कि ‘मतदाता सूची’ (voters list) में 18-19 वर्ष के मतदाताओं की संख्या 20,93,206 है, जबकि 85 वर्ष से ऊपर के मतदाताओं की संख्या 12,43,192 है।

चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और समर्पण बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग द्वारा मतदान केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई गई है। 2019 के चुनाव में 96,653 मतदान केंद्र थे, जो इस बार 1,00,186 हो गए हैं। इनमें से 42,604 शहरी क्षेत्रों में और 57,582 ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं। ‘मतदान केंद्रों की संख्या’ (number of polling stations) बढ़ाने का उद्देश्य अधिक से अधिक मतदाताओं को वोट देने का अवसर प्रदान करना है, ताकि कोई भी व्यक्ति लोकतांत्रिक प्रक्रिया से वंचित न रहे।

चुनावी प्रक्रिया पर आयोग का फोकस

चुनाव आयोग ने मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया को 19 अक्टूबर तक जारी रखा है, जिससे जिन लोगों का नाम अभी तक सूची में नहीं आया है, वे भी अपना पंजीकरण करवा सकें। चोकलिंगम ने कहा कि हर मतदान केंद्र पर लगभग 1,500 मतदाता होते हैं, और जहां इससे ज्यादा मतदाता होंगे, वहां अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। चुनाव आयोग की यह पहल मतदाताओं की सहूलियत के लिए की गई है, ताकि वे बिना किसी बाधा के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।

इस तरह, चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि सांप्रदायिक शब्दावली और आचार संहिता के उल्लंघन पर सख्ती बरती जाएगी और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराया जाएगा।

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