महाराष्ट्र भारत के उन राज्यों में से एक है, जहां सिकल सेल एनीमिया के सबसे ज़्यादा मरीज़ हैं। इस जानलेवा बीमारी के इलाज के लिए यहां सही स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं हैं, जिससे मरीज़ों को खासी परेशानी होती है।
सिकल सेल एनीमिया (SCA) एक गंभीर अनुवांशिक रोग है, जिसके मरीज़ों के खून में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। इसके अलावा, उनके रक्त की लाल कोशिकाओं की बनावट भी सामान्य से अलग (sickle-shaped) होती है, जिससे खून में ऑक्सीजन की मात्रा पर असर पड़ता है और इससे मरीज़ों में कई दूसरी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। भारत में अफ्रीका के बाद सिकल सेल एनीमिया के सबसे ज़्यादा मरीज़ हैं।
भारत के सबसे अमीर राज्यों में गिना जाने वाला महाराष्ट्र सिकल सेल एनीमिया के मामले में भी अव्वल राज्यों में शामिल है। आदिवासी इलाकों में इस बीमारी के सबसे ज़्यादा मामले मिलते हैं। इस बीमारी के मरीज़ों के लिए राज्य में सही इलाज की सुविधा नहीं है। डॉक्टरों की कमी के चलते गड़चिरौली, गोंदिया, नागपुर, अमरावती जैसे इलाकों के मरीज़ों को नागपुर AIIMS या बड़े शहरों में जाना पड़ता है।
सिकल सेल एनीमिया के मरीज़ों के शरीर के कई अंगों पर बुरा असर पड़ता है। किडनी खराब होने और हड्डी से जुड़ी बीमारियों का खतरा बहुत बढ़ जाता है। गड़चिरौली के 31 साल के मनोज रामटेक को इस बीमारी की वजह से घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी करवानी पड़ेगी। महाराष्ट्र के कई ज़िलों में हड्डी रोग विशेषज्ञों (orthopedic surgeons) और किडनी रोग विशेषज्ञों (nephrologists) की बेहद कमी है।
राज्य में सिकल सेल एनीमिया के बहुत से मरीज़ों को सही समय पर खून भी नहीं मिल पाता। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सिकल सेल एनीमिया के मरीज़ों को मुफ्त में खून दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में ज़रूरत के समय खून का उपलब्ध नहीं होना एक आम समस्या है।
मरीज़ों को कई बार ज़रूरी दवाएं भी नहीं मिल पाती हैं। ऐसे में मरीज़ बीच में ही इलाज छोड़ देते हैं, जिससे उनकी हालत और बिगड़ने लगती है। महाराष्ट्र सरकार ने ‘राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन’ के तहत 2047 तक इस बीमारी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी के बिना इस लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल है।
महाराष्ट्र में गड़चिरोली में सिकल सेल एनीमिया के सबसे ज़्यादा मामले हैं। इस ज़िले में इस बीमारी के 4,168 मरीज़ हैं। इस मामले में नागपुर दूसरे, अमरावती तीसरे, गोंदिया चौथे और यवतमाल पांचवें स्थान पर है।
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सिकल सेल एनीमिया एक ऐसा रोग है, जिसका इलाज किया जा सकता है। महाराष्ट्र में इस बीमारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के साथ-साथ लोगों को इसके बारे में जागरूक करने की भी ज़रूरत है। तभी इस जानलेवा बीमारी से लोगों की जान बचाई जा सकती है।