महाराष्ट्र

Maharashtra Budget 2025: राजकोषीय अनुशासन और विकास के बीच संतुलन की चुनौती

Maharashtra Budget 2025: राजकोषीय अनुशासन और विकास के बीच संतुलन की चुनौती

Maharashtra Budget 2025: महाराष्ट्र सरकार के लिए इस साल का बजट तैयार करना आसान नहीं है। राज्य के वित्त मंत्री अजीत पवार 10 मार्च को बजट पेश करेंगे, लेकिन इससे पहले ही राज्य के सामने आर्थिक चुनौतियों का पहाड़ खड़ा हो चुका है। राज्य का कर्ज 7.85 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है, और राजस्व घाटा लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में, सरकार के लिए राजकोषीय अनुशासन बनाए रखना और साथ ही विकास के लिए पूंजीगत व्यय को बढ़ाना एक बड़ी चुनौती है।

पिछले पांच सालों में महाराष्ट्र ने राजनीतिक उथल-पुथल का सामना किया है। दो अलग-अलग सरकारों ने राज्य की कमान संभाली, और इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र का राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में योगदान 2010-11 के 15.2% से घटकर 2023-24 में 13.3% रह गया है। यह आंकड़ा राज्य की आर्थिक हालत को समझने के लिए काफी है।

सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती जनकल्याणकारी योजनाओं (populist schemes) को लेकर है। इन योजनाओं पर सालाना 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आता है। इनमें से सबसे प्रमुख है ‘लाडकी बहन योजना’ (Ladki Bahin Yojana), जिसके तहत 18 से 65 साल की महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इस योजना पर सालाना 46,000 करोड़ रुपये का खर्च आता है। इसके अलावा, किसानों को मुफ्त बिजली और वरिष्ठ नागरिकों के लिए मुफ्त तीर्थयात्रा जैसी योजनाएं भी सरकार के वित्तीय बोझ को बढ़ा रही हैं।

हालांकि, सरकार ने इन योजनाओं को वापस लेने से इनकार कर दिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में स्पष्ट किया कि लाडकी बहन योजना जारी रहेगी, लेकिन इसके लिए कुछ कठोर फैसले लेने होंगे।

राज्य सरकार के पास राजस्व बढ़ाने के लिए सीमित विकल्प हैं। सरकार ने जून 2024 के अंतरिम बजट में 4 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया था, जिसमें से 57% अभी तक खर्च नहीं किया गया है। इसका उपयोग करके सरकार वित्तीय दबाव को कम करने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा, नई एक्साइज नीति (excise policy) पर भी काम चल रहा है, जिससे राजस्व में वृद्धि की उम्मीद है।

महाराष्ट्र अभी भी देश और विदेश के निवेशकों के लिए पसंदीदा गंतव्य बना हुआ है। विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) में हुए समझौतों के तहत राज्य ने 15.78 लाख करोड़ रुपये के निवेश हासिल किए हैं। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले नौ महीनों में महाराष्ट्र विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) में शीर्ष पर रहा है।

हालांकि, प्रति व्यक्ति आय (per capita income) के मामले में महाराष्ट्र पांचवें स्थान पर है। 2024-25 के लिए अनुमानित प्रति व्यक्ति आय 3,09,340 रुपये है, जो पिछले साल के 2,78,681 रुपये से अधिक है।

2024-25 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था में 7.3% की वृद्धि दर का अनुमान है। हालांकि, उद्योग और सेवा क्षेत्र की विकास दर में गिरावट देखी गई है। कृषि क्षेत्र में 8.7% की वृद्धि दर का अनुमान है, जबकि उद्योग और सेवा क्षेत्र में यह दर क्रमशः 4.9% और 7.8% रहने की उम्मीद है।

महाराष्ट्र सरकार ने 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था (one trillion dollar economy) बनाने का लक्ष्य रखा है। लेकिन मौजूदा विकास दर को देखते हुए यह लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं लगता। राज्य सरकार को राजकोषीय अनुशासन और विकास के बीच सही संतुलन बनाना होगा, तभी वह इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकती है।


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