Seat Distribution Dispute in MVA: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 की घोषणा के साथ ही राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है। महाराष्ट्र चुनाव संकट [Maharashtra Election Crisis] की स्थिति गहराती जा रही है, जिसमें महाविकास आघाडी के सहयोगी दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद सामने आ रहा है। महाराष्ट्र चुनाव संकट की यह स्थिति गठबंधन के लिए चिंता का विषय बन गई है।
वर्सोवा विवाद की गहराई
वर्सोवा विधानसभा सीट को लेकर शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे और कांग्रेस के बीच गहरा मतभेद उभर कर सामने आया है। शिवसेना ने हारून खान को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है, जबकि यह सीट पहले कांग्रेस के पास थी। इस कदम ने गठबंधन में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है।
भूम-परांडा का संघर्ष
एनसीपी शरद पवार गुट ने भूम-परांडा सीट से राहुल मोटे को उम्मीदवार घोषित किया है। यह वही सीट है जहां शिवसेना यूबीटी ने पहले ही रणजीत पाटिल को उम्मीदवार बना दिया था। स्थानीय स्तर पर दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में तनाव की स्थिति बन गई है।
गठबंधन में बढ़ता तनाव
महाविकास आघाडी में सीटों का विवाद [Seat Distribution Dispute in MVA] ने गठबंधन की एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एनसीपी के राज्य अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा है कि सीटों के बंटवारे को लेकर अलग-अलग फॉर्मूले पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जीत की संभावना वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात द्वारा प्रस्तावित 90-90-90 के फॉर्मूले पर भी असहमति की स्थिति दिख रही है। लिखित समझौते के उल्लंघन की बात भी सामने आ रही है, जिससे गठबंधन की मजबूती पर सवाल उठ रहे हैं।