महाराष्ट्र के लातूर जिले में लगातार हो रही बारिश ने हालात गंभीर बना दिए हैं। तेज बारिश से नदियां और नाले उफान पर हैं, जिसके चलते कई जगहों पर बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। इसी बीच एक बड़ा हादसा सामने आया है, जिसमें CRPF की महिला कर्मी सहित चार लोग बाढ़ के पानी में बहकर लापता हो गए।
हादसा कैसे हुआ?
16 सितंबर को पटोदा (खुर्द) और मलहिप्परगा के बीच की सड़क पर पानी भर गया था। इसी दौरान एक ऑटो-रिक्शा पानी भरे नाले को पार करने की कोशिश कर रहा था। अचानक तेज बहाव में ऑटो पलट गया और उसमें सवार 32 वर्षीय CRPF की कर्मचारी संगीता सूर्यवंशी, 24 वर्षीय वैभव पुंडलिक गायकवाड़ और 50 वर्षीय विट्ठल धोंडीबा गवले बह गए। मौके पर मौजूद लोगों ने मदद की कोशिश की, लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था कि किसी का सुराग नहीं मिल सका।
दूसरी घटना में भी जान गई खतरे में
उसी दिन एक और हादसा हुआ। 28 वर्षीय सुदर्शन घोनशेट्टे नामक युवक तिरु नदी में बह गया। उसके लिए भी अलग से बचाव अभियान चलाया जा रहा है। इन घटनाओं ने पूरे जिले में दहशत का माहौल बना दिया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन और प्रशासन की अपील
जिला प्रशासन ने तुरंत बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया। गोताखोरों और स्थानीय बचावकर्मियों की मदद ली जा रही है। साथ ही, NDRF की टीम को भी अलर्ट पर रखा गया है। 17 सितंबर तक भी चारों लापता लोगों की तलाश जारी थी।
प्रशासन ने लोगों को चेतावनी दी है कि वे पानी भरी सड़कों, नालों और नदियों को पार करने का जोखिम न उठाएं। लगातार बारिश से और खतरा बढ़ सकता है।
हालात पर नजर
जिले में पिछले तीन दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है। इससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और कई जगहों पर सड़कें बंद हो चुकी हैं। पुलिस और प्रशासन रेड अलर्ट मोड पर काम कर रहे हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।
लातूर में बारिश अब सिर्फ मौसम का बदलाव नहीं बल्कि खतरे का संकेत बन चुकी है। बाढ़ का पानी न केवल जीवन अस्त-व्यस्त कर रहा है बल्कि लोगों की जान भी ले रहा है। प्रशासन ने साफ कहा है कि सुरक्षा उपायों का पालन ही ऐसी त्रासदी से बचने का एकमात्र रास्ता है।
ये भी पढ़ें: MMRTA का बड़ा फैसला: ऐप टैक्सी का सफर होगा महंगा, बेस फेयर में बढ़ोतरी