महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने अपने संबोधन में बताया कि राज्य ने देश में कुल FDI का 38.78% हिस्सा आकर्षित किया है। उन्होंने 2027-28 तक महाराष्ट्र को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य पर ज़ोर दिया।
FDI (Foreign Direct Investment) या प्रत्यक्ष विदेशी निवेश किसी देश की अर्थव्यवस्था की मज़बूती का एक प्रमुख सूचक होता है। इससे देश में रोज़गार के अवसर बढ़ते हैं और विकास को गति मिलती है।
महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने विधानसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राज्य में बढ़ते FDI पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि राज्य ने देश के कुल FDI का 38.78% हिस्सा प्राप्त किया है, जो लगभग 65,500 करोड़ रुपये के बराबर है। राज्य सरकार द्वारा 75 निवेश परियोजनाओं को मंज़ूरी दी गई है, जिनसे 53,000 लोगों के लिए रोज़गार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
राज्यपाल ने दावोस में हुए विश्व आर्थिक मंच के दौरान 3.53 लाख करोड़ रुपये के समझौतों का भी ज़िक्र किया, जिनसे राज्य में दो लाख रोज़गार सृजित होंगे। सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार बढ़ाने के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों पर भी ध्यान दे रही है।
राज्यपाल ने सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के बारे में भी बताया। इनमें नागपुर-मुंबई समृद्धि महामार्ग का विस्तार, जलयुक्त शिवार अभियान के तहत गाँवों में पानी की समस्या का समाधान, और सिंचाई परियोजनाओं का ज़िक्र शामिल है। राज्यपाल ने किसानों के कल्याण और आम लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
राज्यपाल रमेश बैस ने महाराष्ट्र के निरंतर विकास और 2027-28 तक एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को लेकर आशावादी दृष्टिकोण व्यक्त किया।