Maharashtra के अंबेगांव से एक ऐसी खबर सामने आई है, जो दिल दहलाने के साथ-साथ रिश्तों की नींव पर सवाल उठाती है। एक क्लास वन सरकारी अधिकारी पर अपनी ही पत्नी के निजी पलों को गुप्त कैमरों में कैद कर उसे ब्लैकमेल करने का गंभीर आरोप लगा है। ये कहानी सिर्फ एक अपराध की नहीं, बल्कि विश्वासघात, मानसिक उत्पीड़न और ससुराल की क्रूरता की है, जिसने एक महिला की जिंदगी को तहस-नहस कर दिया।
शादी का बंधन बना जंजीर
2020 में शुरू हुई इस जोड़े की शादी की कहानी शुरुआत में खुशहाल थी, लेकिन जल्द ही ये सपना एक दर्दनाक हकीकत में बदल गया। पीड़ित महिला, जो खुद एक क्लास वन अधिकारी है, ने बताया कि शादी के बाद उसके पति को उसके चरित्र पर शक होने लगा। इस शक ने उसे इतना अंधा कर दिया कि उसने अपने घर में, यहां तक कि बाथरूम में भी, गुप्त कैमरे लगवा दिए। पत्नी की हर हरकत पर नजर रखने की ये सनक सिर्फ जासूसी तक नहीं रुकी, बल्कि उसने इन रिकॉर्डिंग्स का इस्तेमाल अपनी पत्नी को ब्लैकमेल करने के लिए किया।
ब्लैकमेलिंग की हद: “पैसे लाओ, वरना वीडियो वायरल कर दूंगा”
महिला का आरोप है कि उसके पति ने उसे धमकी दी कि अगर वो अपने मायके से 1.5 लाख रुपये नहीं लाएगी, तो उसके नहाते हुए रिकॉर्ड किए गए वीडियो को ऑनलाइन लीक कर देगा। ये रकम कथित तौर पर कार और होम लोन की EMI चुकाने के लिए मांगी गई थी। ये सिर्फ पैसे की मांग नहीं थी, बल्कि एक ऐसी साजिश थी, जो एक पत्नी के आत्मसम्मान और निजता को कुचल रही थी।
ससुराल वालों की क्रूरता
महिला ने अपने पति के साथ-साथ ससुराल के 7 अन्य सदस्यों – सास, ससुर, देवर, ननद और अन्य परिजनों पर भी मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि शादी के बाद से ही ससुराल वाले उस पर मायके से पैसे और कार लाने का दबाव डालते रहे। ये उत्पीड़न सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं था, बल्कि शारीरिक और मानसिक यातनाओं ने उसकी जिंदगी को नर्क बना दिया।
पुलिस ने संभाला मोर्चा
अंबेगांव पुलिस स्टेशन में दर्ज इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। पुलिस ने आरोपी पति और उसके सात परिजनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है, जिसमें ब्लैकमेलिंग, घरेलू हिंसा, शोषण और निजता के हनन जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं। घर से बरामद स्पाई कैमरों और वीडियो फुटेज की जांच शुरू हो चुकी है, और पुलिस इस मामले में और सबूत जुटाने में लगी है।
एक सवाल जो मन को कचोटता है
ये मामला सिर्फ एक अपराध की कहानी नहीं, बल्कि उन रिश्तों पर सवाल उठाता है, जो प्यार और विश्वास की नींव पर टिके होते हैं। जब एक पति अपनी पत्नी की निजता को इस तरह तार-तार कर देता है, तो क्या समाज में औरत की सुरक्षा और सम्मान की बातें सिर्फ खोखले वादे हैं? ये खबर हर उस इंसान को झकझोरती है, जो रिश्तों में भरोसे की तलाश करता है।
क्या इस मामले में इंसाफ होगा? क्या पीड़ित महिला को उसका हक मिलेगा? इन सवालों का जवाब तो वक्त देगा, लेकिन ये घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर कब तक औरत को अपने ही घर में डर के साये में जीना पड़ेगा?
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