महाराष्ट्र में विपक्ष ने राज्य सरकार के अंतरिम बजट को चुनावी जुमला करार दिया है। विपक्ष का कहना है कि इसमें आम लोगों, किसानों और मज़दूरों के लिए कुछ नहीं है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बजट का बचाव करते हुए कहा कि यह बजट प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत के सपने को पूरा करने वाला है।
महाराष्ट्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 9,734 करोड़ रुपये के अनुमानित राजस्व घाटे और 99,288 करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे वाला अंतरिम बजट पेश किया है। बजट पेश होते ही विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) ने इसकी आलोचना शुरू कर दी। MVA में शिवसेना (UBT), शरद पवार की NCP और कांग्रेस शामिल हैं। विपक्ष का कहना है कि बजट में कोई “नियोजन” नहीं है और इसे आने वाले चुनावों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
राज्य विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने कहा कि बजट में आम लोगों, किसानों और मजदूरों को कोई राहत नहीं दी गई है। दानवे ने कहा, “पिछले बजट की करीब 75 फीसदी घोषणाएं इस बार फिर से दोहराई गई हैं। सरकार ने पिछले साल जो “पंचामृत” बजट दिया था, उसकी एक बूंद भी जनता को नहीं मिली है। इस सरकार ने केवल घोषणाएं की हैं, किसानों और मज़दूरों के हितों को अनदेखा किया है।”
राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने भी बजट की आलोचना करते हुए कहा कि महायुति सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है यह बजट चुनाव को देखते हुए हर वर्ग को लुभाने के लिए बनाया गया है। पटोले ने कहा कि महंगाई, बेरोज़गारी और सांप्रदायिक तनाव के कारण लोग इस सरकार से बहुत नाखुश हैं। लोकसभा चुनाव में जनता इस महागठबंधन को ज़रूर सबक सिखाएगी।
पटोले का यह भी कहना है कि सरकार ने भले ही बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर दी हों, लेकिन पिछले अनुभवों को देखें तो आम आदमी को इसका कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा की हालत किसी से छिपी नहीं है, सरकार ने महिला सशक्तीकरण को लेकर जो भी घोषणाएं की हैं, वे खोखली हैं।
वहीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बजट का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपने के अनुरूप है। यह बजट सभी कमज़ोर वर्गों- किसान, महिलाएं, युवाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
नाना पटोले ने सरकार के वित्तीय अनुशासन पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि सरकार के ऊपर बहुत कर्ज़ है। महाराष्ट्र सरकार अक्सर अनुपूरक मांगें भी पेश करती रहती है, ऐसे में यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि पिछली अनुपूरक मांगों का क्या हुआ।
यह भी पढ़ें: BMC: कांदिवली-गोरेगांव संपर्क परियोजना शुरू, यातायात होगा और आसान
महाराष्ट्र सरकार के अंतरिम बजट को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। विधानसभा में बजट पर लंबी बहस होने की संभावना है।