महाराष्ट्र सरकार मुंबई में मौजूदा मंत्रालय, विधान भवन और आसपास की सरकारी इमारतों को तोड़कर उनके स्थान पर ‘महाविस्टा’ नाम का एक नया कॉम्प्लेक्स बनाएगी। दिल्ली के सेंट्रल विस्टा की तर्ज़ पर बनने वाले इस प्रोजेक्ट पर लगभग 7,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
भारत की राजधानी दिल्ली में संसद भवन और आसपास की सरकारी इमारतों को मिलाकर सेंट्रल विस्टा बनाया गया है। कई राज्यों की सरकारें अपने-अपने राज्यों में सेंट्रल विस्टा जैसा प्रोजेक्ट शुरू कर रही हैं।
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में बनी मंत्रालय, विधान भवन और मंत्री बंगलों जैसी प्रतिष्ठित इमारतों की जगह जल्द ही एक नया कॉम्प्लेक्स नज़र आएगा, जिसका नाम होगा ‘महाविस्टा’। महाराष्ट्र के वित्त मंत्री अजित पवार ने मंगलवार को अंतरिम बजट पेश करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि ‘महाविस्टा’ प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार करने के लिए अंतरराष्ट्रीय आर्किटेक्ट्स से सुझाव मांगे जाएंगे।
अजित पवार ने बताया कि इस प्रोजेक्ट का शुरुआती अनुमानित खर्च 7,500 करोड़ रुपये है। उन्होंने यह भी कहा कि आर्किटेक्ट पीके दास ने पहले ही ‘महाविस्टा’ के लिए एक योजना पेश की थी, लेकिन सरकार चाहती है कि यह प्रोजेक्ट किसी नामी अंतरराष्ट्रीय आर्किटेक्ट के हाथों में हो। महाराष्ट्र में विधानसभा की सीटें बढ़ने वाली हैं, ऐसे में नए बनने वाले विधान भवन में बड़ी संख्या में विधायकों के बैठने की व्यवस्था करनी होगी।
महाविस्टा प्रोजेक्ट के लिए मुंबई में 16 एकड़ से ज़्यादा ज़मीन का इस्तेमाल होगा। ‘महाविस्टा’ बनने के बाद मंत्रालय और आसपास के इलाकों में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस सरकारी इमारतें होंगी।
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महाविस्टा प्रोजेक्ट महाराष्ट्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद मुंबई का यह इलाका पूरी तरह से बदल जाएगा।