Maharashtra Minister Kokate: महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने राज्य सरकार को भिखारी कहकर नया विवाद खड़ा कर दिया। पहले ही विधानसभा में ऑनलाइन रमी गेम खेलने के लिए आलोचना झेल रहे कोकाटे ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार किसानों से एक रुपये का फसल बीमा लेती है, लेकिन बदले में कुछ नहीं देती। उन्होंने कहा, “हम सरकार एक रुपये लेते हैं, देते नहीं। तो भिखारी कौन है? सरकार ही भिखारी है।” इस बयान ने पूरे महाराष्ट्र में हंगामा मचा दिया।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कोकाटे के इस बयान पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अगर कोकाटे ने ऐसा कहा है, तो यह पूरी तरह गलत है। फडणवीस ने साफ किया कि सरकार हर साल कृषि क्षेत्र में 5000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। उन्होंने कहा, “हम किसानों की मदद के लिए प्रतिबद्ध हैं, और ऐसा बयान देना किसी मंत्री के लिए ठीक नहीं है।”
इससे पहले, कोकाटे उस वक्त विवादों में घिर गए थे, जब विपक्षी नेता रोहित पवार ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें कोकाटे विधानसभा सत्र के दौरान अपने फोन पर जंगली रमी गेम खेलते दिख रहे थे। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर तूफान मचा दिया, और विपक्ष ने उनकी इस्तीफे की मांग शुरू कर दी। लेकिन कोकाटे ने इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “मैंने कोई गलती नहीं की। मैंने किसी का अपमान नहीं किया, ना ही किसी को लूटा। मेरा क्या अपराध है?”
कोकाटे ने दावा किया कि वीडियो गलत तरीके से पेश किया गया। उन्होंने कहा कि वे रमी नहीं खेल रहे थे, बल्कि उनके फोन पर एक गेम का विज्ञापन आ गया था, जिसे वे बंद करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा, “ऑनलाइन रमी खेलने के लिए बैंक खाता लिंक करना पड़ता है। मेरा कोई खाता लिंक नहीं है। मैं रमी खेलना भी नहीं जानता।” कोकाटे ने यह भी ऐलान किया कि वे उन लोगों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करेंगे, जिन्होंने यह वीडियो शेयर कर उनकी छवि खराब की।
उन्होंने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति को पत्र लिखकर इस मामले की जांच की मांग की है। कोकाटे ने कहा, “अगर मैं दोषी पाया गया, तो मैं तुरंत इस्तीफा दे दूंगा।” लेकिन रोहित पवार ने उनके दावे को झूठा बताया। पवार ने दो और वीडियो शेयर किए, जिसमें कोकाटे सत्र के दौरान गेम खेलते दिख रहे हैं। पवार ने कहा, “जब आदिवासी समुदाय को दुधारू पशु देने की चर्चा हो रही थी, तब कोकाटे गेम खेलने में व्यस्त थे।”
विपक्ष ने कोकाटे के बयान और व्यवहार की कड़ी निंदा की है। कांग्रेस नेता नाना पाटोले ने कहा कि कोकाटे जैसे मंत्री को एक मिनट भी पद पर नहीं रहना चाहिए। एनसीपी (एसपी) की सुप्रिया सुले ने भी कोकाटे के बयान को महाराष्ट्र के नेताओं और जनता का अपमान बताया। उन्होंने कहा, “यशवंतराव चव्हाण से लेकर विलासराव देशमुख तक, कई नेताओं ने महाराष्ट्र को प्रगति के रास्ते पर ले जाने के लिए मेहनत की। ऐसे में सरकार को भिखारी कहना शर्मनाक है।”
कोकाटे का यह विवाद नया नहीं है। इससे पहले भी उन्होंने फसल बीमा योजना को लेकर विवादास्पद बयान दिया था। फरवरी में उन्होंने कहा था कि एक रुपये का फसल बीमा भी भिखारी नहीं लेते, लेकिन किसान इसका दुरुपयोग कर रहे हैं। इस बयान पर भी उनकी खूब आलोचना हुई थी। बाद में उन्होंने इसके लिए माफी मांगी थी।
महाराष्ट्र में किसानों की स्थिति को लेकर पहले ही सरकार पर दबाव है। रोजाना आठ किसानों के आत्महत्या करने की खबरें सामने आ रही हैं। ऐसे में कोकाटे का यह बयान और उनका व्यवहार विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका दे रहा है। नासिक में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कोकाटे के खिलाफ सड़कों पर रमी खेलकर विरोध प्रदर्शन किया।
कोकाटे ने कहा कि वे 25 साल से विधायक हैं और उन्हें विधानसभा के नियम-कायदों की पूरी जानकारी है। लेकिन उनके बार-बार विवादों में फंसने से उनकी और सरकार की किरकिरी हो रही है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या कोकाटे के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी, या यह विवाद भी यूं ही ठंडा पड़ जाएगा।