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Maharashtra new government: भाजपा को 22 मंत्रालय, शिंदे सेना को 12, अजित पवार गुट को 10 -सूत्र

Maharashtra new government: भाजपा को 22 मंत्रालय, शिंदे सेना को 12, अजित पवार गुट को 10- सूत्र
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महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव: महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से जो हलचल मची हुई थी, वह अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। नई सरकार के गठन को लेकर महाराष्ट्र नई सरकार (Maharashtra new government) की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है। 42 सदस्यीय नए मंत्रिमंडल में भाजपा को 22, शिंदे सेना को 12 और अजित पवार के एनसीपी गुट को 10 मंत्रालय मिलने की खबरें सामने आ रही हैं।

इस गठबंधन की बातचीत दिल्ली में एक अहम बैठक के बाद तय हुई, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने भाग लिया। बैठक में अंतिम फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है।


देवेंद्र फडणवीस बनेंगे मुख्यमंत्री?

भाजपा ने अपनी मजबूत चुनावी जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम आगे बढ़ाया है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने यह स्पष्ट किया है कि महाराष्ट्र की अगुवाई भाजपा के हाथों में रहेगी।

हालांकि, शिंदे सेना के प्रमुख एकनाथ शिंदे ने अपनी सहमति जताते हुए कहा, “मैं कोई बाधा नहीं बनूंगा। जो भी पीएम मोदी तय करेंगे, वह हमें स्वीकार्य होगा।” शिंदे के इस बयान से साफ हो गया है कि वह गठबंधन की स्थिरता को अपने व्यक्तिगत पद से ऊपर रखते हैं।

शिंदे का भविष्य इस नई व्यवस्था में अभी स्पष्ट नहीं है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है या केंद्र में कोई महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है।


भाजपा का मंत्रालय बंटवारा: कौन सी सीटें महत्वपूर्ण?

भाजपा का मंत्रालय बंटवारा (BJP cabinet allocation) सत्ता के संतुलन को दर्शाता है। भाजपा ने गृह मंत्रालय जैसे प्रमुख विभागों पर जोर दिया है, जो उसकी सत्ता को और मजबूत करेगा। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में 288 सीटों में से 132 सीटें जीतने के बाद भाजपा ने अपनी स्थिति को बेहद प्रभावशाली बनाया है।

गठबंधन के अन्य दलों के लिए भी प्रमुख विभाग तय किए गए हैं। शिंदे सेना और अजित पवार के गुट को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी, जिससे गठबंधन में संतुलन बना रहे।


जातीय समीकरण और चुनौतियां

फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने के फैसले को लेकर भाजपा को जातीय समीकरणों पर विचार करना पड़ा। फडणवीस ब्राह्मण समुदाय से आते हैं, जबकि महाराष्ट्र में अधिकतर विधायक मराठा समुदाय से हैं।

इस मुद्दे को संभालने के लिए अमित शाह ने वरिष्ठ नेताओं से सलाह ली। मराठा नेता मनोज जरांगे-पाटिल की फडणवीस के खिलाफ टिप्पणियां और चुनावी राजनीति में जातीय संवेदनशीलता ने इस निर्णय को और जटिल बना दिया।

इसके बावजूद, भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व इस निर्णय को लागू करने के लिए दृढ़ है, क्योंकि वह महाराष्ट्र में अपनी स्थिति को और मजबूत करना चाहता है।


गठबंधन का भविष्य: स्थिरता की ओर कदम

गठबंधन के सभी प्रमुख खिलाड़ी इस बात पर सहमत हैं कि महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार की आवश्यकता है। शिंदे सेना, भाजपा, और अजित पवार गुट ने सत्ता-साझेदारी पर सहमति जताते हुए नए मंत्रिमंडल का खाका तैयार किया है।

गृह मंत्रालय जैसे प्रमुख विभाग भाजपा के नियंत्रण में रहेंगे, जबकि शिंदे सेना और एनसीपी गुट को भी उनकी ताकत के हिसाब से जिम्मेदारी दी जाएगी। इस नई सरकार का स्वरूप महाराष्ट्र की राजनीति को एक नई दिशा देगा, जहां भाजपा नेतृत्व अपनी पकड़ और मजबूत करेगा।


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