Maharashtra Strike Over E-Challan Fines: महाराष्ट्र में 1 जुलाई 2025 से सड़कों पर सन्नाटा पसर सकता है, क्योंकि मालवाहक और स्कूल बस संगठनों ने ई-चालान जुर्माना (e-challan fines) के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है। यह हड़ताल मालवाहक वाहनों के लिए 1 जुलाई से और स्कूल बसों के लिए 2 जुलाई से शुरू होगी। महाराष्ट्र ट्रांसपोर्ट हड़ताल (Maharashtra transport strike) के पीछे चालकों और वाहन मालिकों का सरकार के साथ बढ़ता तनाव है, जो ई-चालान प्रणाली और अन्य परिचालन समस्याओं को लेकर है। इस हड़ताल से न केवल स्कूल जाने वाले बच्चों की दिनचर्या प्रभावित होगी, बल्कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर भी गहरा असर पड़ सकता है।
महाराष्ट्र राज्य वाहन चालक-मालिक और प्रतिनिधि महासंघ ने 1 जुलाई से राज्यव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। उनका कहना है कि मौजूदा ई-चालान प्रणाली के तहत उन पर जबरन जुर्माना लगाया जा रहा है, जिसे वे वित्तीय शोषण मानते हैं। संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो हड़ताल और तेज होगी, जिससे राज्य में आवश्यक सामान की आवाजाही पर भारी असर पड़ेगा। मालवाहक वाहनों के रुकने से बाजारों में सामान की कमी हो सकती है, जिसका सीधा प्रभाव आम लोगों की जिंदगी पर पड़ेगा।
इसके साथ ही, स्कूल बस मालिक संगठन ने भी 2 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है। यह संगठन हजारों छात्रों को रोज़ाना स्कूल ले जाने वाली बसों का संचालन करता है। उनकी शिकायत है कि ई-चालान जुर्माना (e-challan fines) के तहत उन पर अनुचित जुर्माना लगाया जा रहा है, खासकर सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस, और वेब रीडर जैसे सुरक्षा उपकरणों के उपयोग को लेकर। इसके अलावा, स्कूलों के गेट पर बच्चों को उतारने या चढ़ाने के दौरान भी उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है, जिसे वे अन्यायपूर्ण मानते हैं। संगठन ने इन जुर्मानों को तुरंत रद्द करने और स्कूल परिवहन सेवाओं से जुड़े नियमों को एक समान लागू करने की मांग की है।
इस हड़ताल के कारण स्कूलों को मजबूरन ऑनलाइन कक्षाओं की ओर रुख करना पड़ सकता है या उनके शैक्षणिक कार्यक्रमों में बदलाव करना होगा। स्कूल बस संगठन के अध्यक्ष अनिल गर्ग ने सरकार की अनदेखी की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि स्कूल परिवहन क्षेत्र की समस्याओं को लंबे समय से नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने सरकार से तत्काल कार्रवाई करने और आरटीओ, पुलिस, और परिवहन संगठनों के साथ एक संयुक्त कार्य बल गठित करने की मांग की ताकि स्थायी समाधान निकाला जा सके।
यह हड़ताल केवल स्कूल बसों और मालवाहक वाहनों तक सीमित नहीं है। महाराष्ट्र ट्रांसपोर्ट हड़ताल (Maharashtra transport strike) में निजी बसें, ट्रक, टैंपो, और टैंकर जैसे अन्य वाहन भी शामिल होंगे। इससे मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, और न्हावा शेवा जैसे प्रमुख शहरों में यातायात और आपूर्ति श्रृंखला पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। परिवहन संगठनों का कहना है कि ई-चालान के साथ-साथ शहरों में नो-एंट्री समय और खराब सड़क बुनियादी ढांचे जैसी समस्याएं उनके संचालन को और कठिन बना रही हैं।
सरकार ने अभी तक इस हड़ताल की सूचना पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, परिवहन संगठनों ने साफ कर दिया है कि उनकी मांगें तुरंत पूरी नहीं हुईं, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे। इस बीच, अभिभावकों और व्यापारियों को इस हड़ताल के लिए तैयार रहने की सलाह दी जा रही है, क्योंकि इससे उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर बड़ा असर पड़ सकता है।
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