महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से नागपुर में शुरू हो गया है। इस सत्र में विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार को किसानों और विभिन्न वर्गों के मुद्दों पर घेरने की रणनीति बना रही है। इसी बीच शिवसेना नेता और विधायक अंबादास दानवे ने एक सनसनीखेज दावा किया है, जिसने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है।
दानवे ने शेयर किए वीडियो
अंबादास दानवे ने अपने एक्स अकाउंट पर तीन वीडियो शेयर किए हैं। इन वीडियो में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के शिवसेना विधायक महेंद्र दलवी को नोटों के बंडलों के साथ दिखाया गया है। दानवे ने इन वीडियो को शेयर करते हुए सरकार से सवाल किया कि मुख्यमंत्री फडणवीस और शिंदेजी, ये MLA कौन हैं और इतने पैसे का क्या कर रहे हैं? उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि इस सरकार के पास सिर्फ किसान लोन माफी के लिए पैसे नहीं हैं, बाकी सब केवल दिखावा है।
दानवे के शेयर किए गए तीन वीडियो में से दो वीडियो में एक व्यक्ति नोटों के बंडलों के साथ नजर आ रहा है। तीसरे वीडियो में एकनाथ शिंदे की अलीबाग-मुरुड-रोहा निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना के विधायक महेंद्र दलवी दिखाई दे रहे हैं।
दानवे का दावा है कि ये वीडियो सरकार की असलियत उजागर करता है और इसे जनता तक पहुंचाना जरूरी है।
या सरकारकडे फक्त शेतकरी कर्जमाफीला पैसा नाही.. बाकी सगळं ओक्के आहे!
जनतेला जरा सांगा मुख्यमंत्री फडणवीस आणि शिंदे जी, हे आमदार कोण आहेत आणि पैशांच्या गड्ड्यांसह काय करत आहेत?@mieknathshinde @Dev_Fadnavis @AmitShah @BJP4Maharashtra #Moneypower #ruins #Maharashtra pic.twitter.com/WUDpmedTgo— Ambadas Danve (@iambadasdanve) December 9, 2025
महेंद्र दलवी का पलटवार
अरोपित विधायक महेंद्र दलवी ने दानवे के आरोपों का कड़ा पलटवार किया। उन्होंने कहा, “मैं अंबादास दानवे को खुली चुनौती देता हूं कि वे साबित करें कि नोटों के बंडलों वाला वीडियो मेरा है। ये ब्लैकमेलिंग का प्रयास है। इस पर ध्यान नहीं देना चाहिए।”
विधायक दलवी ने ये भी कहा कि ये मुद्दा वो शीतकालीन सत्र में भी उठाएंगे। उनका कहना है कि दानवे इस तरह के आरोपों के जरिए राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं।
राजनीतिक हलचल
इस वीडियो बम ने विधानसभा सत्र में राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। महा विकास अघाड़ी और महायुति सरकार के बीच विवाद तेज होने की संभावना है। विपक्ष के लिए ये एक ऐसा मुद्दा बन गया है, जो सरकार की छवि पर सवाल खड़ा कर सकता है।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि ये मामला केवल आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि विधानसभा सत्र में इसे गंभीरता से उठाया जाएगा।
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