महाराष्ट्र की सियासी बिसात: महाराष्ट्र में जहां एक ओर लोकसभा चुनावों का समापन अभी नहीं हुआ है, वहीं दूसरी ओर राज्य विधानसभा की हवाएं बहने लगी हैं। सोमवार को एनसीपी और भाजपा के बीच राज्य विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर खींचतान देखी गई, जिसका आयोजन संभवतः अक्टूबर 2024 में होने वाला है।
छगन भुजबळ की मांग: एनसीपी नेता और कैबिनेट मंत्री, छगन भुजबल ने दावा किया है कि अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी को आगामी विधानसभा चुनाव में 80-90 सीटें मिलनी चाहिए। हालांकि, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया है कि भाजपा गठबंधन में एक बड़ी पार्टी है और उसे अन्य दो गठबंधन पार्टियों की तुलना में अधिक संख्या में सीटें मिलेंगी। एनसीपी और शिवसेना को चर्चा के बाद सम्मानजनक सीटें दी जाएंगी।
लोकसभा चुनाव में निराशा: लोकसभा चुनाव में एनसीपी को महायुती गठबंधन में सबसे कम सीटें मिली थीं। सीट आवंटन में एनसीपी के विधायकों और नेताओं के बीच निराशा देखी गई थी और विपक्षी दलों ने भी एनसीपी को केवल चार सीटें मिलने पर चुटकी ली थी।
भुजबल का आग्रह: छगन भुजबल ने अजित पवार से आग्रह किया है कि वे विधायकों के सभी कामों को मंजूरी दें ताकि वे अगले चुनावों में लड़ सकें। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि भाजपा ने राज्य विधानसभा चुनाव में 80-90 सीटों का वादा किया था। उन्होंने कहा, “हमें लोकसभा चुनाव की तरह सीटों के लिए संघर्ष नहीं करना चाहिए। हमें हमारा अधिकार मिलना चाहिए।” भुजबल ने यह भी कहा कि अगर उन्हें 80-90 सीटें मिलती हैं, तो वे उनमें से 50-60 सीटें जीत सकते हैं।
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि महाराष्ट्र में राजनीतिक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर तनाव है और आगामी विधानसभा चुनावों के लिए गठबंधन की रणनीति पर चर्चा जारी है।