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Mahashivratri: ‘हर-हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के नारों से गूंजे शिवालय, महाकुंभ से लेकर काशी और बैद्यनाथ धाम में उमड़ी भक्तों की भीड़

Mahashivratri: 'हर-हर महादेव' और 'बोल बम' के नारों से गूंजे शिवालय, महाकुंभ से लेकर काशी और बैद्यनाथ धाम में उमड़ी भक्तों की भीड़

Mahashivratri: आज पूरा देश महाशिवरात्रि के पावन पर्व में डूबा हुआ है। यह वह दिन है जब भगवान शिव की आराधना करने वाले भक्तों की भीड़ मंदिरों और शिवालयों में उमड़ पड़ी है। महाशिवरात्रि न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह आध्यात्मिक ऊर्जा और आत्मशुद्धि का भी प्रतीक है। इस दिन भक्त भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा और समर्पण व्यक्त करते हैं। चाहे वह काशी विश्वनाथ हो, बैद्यनाथ धाम हो, या फिर प्रयागराज का महाकुंभ, हर जगह शिवभक्तों का जोश देखने लायक है।

महाशिवरात्रि का महत्व

Significance of Mahashivratri

महाशिवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव ने ज्योतिर्लिंग के रूप में अवतार लिया था। यह पर्व हमें काम, क्रोध, लोभ, मोह और मत्सर जैसे विकारों से मुक्ति दिलाकर आंतरिक शांति और सुख प्रदान करता है। महाशिवरात्रि का व्रत चारों पुरुषार्थ—धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष—को प्रदान करने वाला माना जाता है। यही वजह है कि इस दिन लाखों लोग व्रत रखते हैं और शिव की आराधना में लीन हो जाते हैं।

महाकुंभ और महाशिवरात्रि का अनूठा संगम

Unique Confluence of Mahakumbh and Mahashivratri

इस साल महाशिवरात्रि का पर्व और भी खास हो गया है क्योंकि यह महाकुंभ के आखिरी दिन पड़ा है। प्रयागराज में गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में पहुंच गई है। अब तक करीब 42 लाख लोगों ने गंगा में डूबकी लगाई है। महाकुंभ में शिवरात्रि के मौके पर श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है। गंगा के तट पर हर तरफ ‘हर-हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के नारे गूंज रहे हैं। यह नज़ारा भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम है।

काशी विश्वनाथ और बैद्यनाथ धाम में भक्तों की भीड़

Devotees Throng Kashi Vishwanath and Baidyanath Dham

काशी विश्वनाथ मंदिर, जो दुनिया भर के शिवभक्तों के लिए आस्था का केंद्र है, आज भक्तों से खचाखच भरा हुआ है। यहां सुबह से ही लंबी कतारें लगी हुई हैं। वहीं, झारखंड के देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम में भी भक्तों का तांता लगा हुआ है। मंदिर के कपाट सुबह 4 बजे ही खोल दिए गए थे, और तब से लगातार भक्तों का आना जारी है। बैद्यनाथ धाम के पुजारियों ने सुबह सबसे पहले कांचा जल अर्पित किया, जिसके बाद आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के द्वार खोल दिए गए।

शिवरात्रि का आध्यात्मिक संदेश

Spiritual Message of Shivratri

महाशिवरात्रि न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह हमें आंतरिक शुद्धि और आत्मज्ञान का संदेश भी देता है। भगवान शिव, जिन्हें संहारक और पुनर्जन्म के देवता के रूप में जाना जाता है, हमें यह सिखाते हैं कि जीवन में परिवर्तन और विनाश के बाद ही नई शुरुआत संभव है। यह पर्व हमें अपने अंदर के अहंकार और नकारात्मकता को त्यागने की प्रेरणा देता है।

नई पीढ़ी और महाशिवरात्रि

New Generation and Mahashivratri

आज की नई पीढ़ी भी इस पर्व को बड़े उत्साह के साथ मना रही है। सोशल मीडिया पर #Mahashivratri और #HarHarMahadev जैसे हैशटैग्स ट्रेंड कर रहे हैं। युवाओं में भी शिव के प्रति गहरी आस्था देखी जा सकती है। वे न केवल मंदिरों में जा रहे हैं, बल्कि इस पर्व के आध्यात्मिक पहलुओं को भी समझने की कोशिश कर रहे हैं। यह एक सुखद संकेत है कि हमारी सांस्कृतिक विरासत नई पीढ़ी के साथ आगे बढ़ रही है।

महाशिवरात्रि का पर्व हमें भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था और समर्पण को व्यक्त करने का अवसर देता है। यह न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह हमें आंतरिक शुद्धि और आत्मज्ञान की ओर ले जाने वाला एक आध्यात्मिक सफर भी है। चाहे वह गंगा स्नान हो, शिवलिंग की पूजा हो, या फिर व्रत रखना, हर क्रिया हमें अपने अंदर के विकारों को दूर करने की प्रेरणा देती है। इस महाशिवरात्रि पर, आइए हम सभी भगवान शिव से प्रार्थना करें कि वे हमें सकारात्मक ऊर्जा और आंतरिक शांति प्रदान करें।


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