बढ़ते एनीमिया के खतरे को कम करने के लिए, महाराष्ट्र के कुपोषण टास्कफोर्स ने बच्चों और किशोरों को महुआ के फूल से बने लड्डू देने का निर्देश दिया है।
एनीमिया, खून में हीमोग्लोबिन की कमी, एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो थकान, कमजोरी और सांस लेने में तकलीफ पैदा कर सकती है। यह बच्चों और किशोरों के विकास में बाधा डाल सकता है।
महाराष्ट्र में एनीमिया के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए, कुपोषण टास्कफोर्स ने एक अनोखा निर्देश जारी किया है। टास्कफोर्स ने राज्य के सभी जिलों में एनीमिया से पीड़ित बच्चों और किशोरों को पोषण के लिए महुआ के फूल से बने लड्डू देने का निर्देश दिया है।
यह निर्देश राज्य में कुपोषण को लेकर जिलावार की गई समीक्षा बैठक में दिया गया। टास्कफोर्स का मानना है कि महुआ के फूल में मौजूद विटामिन-सी, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस और कार्बोहाइड्रेट शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाने में मदद करेंगे।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा 0 से 18 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों की हेल्थ स्क्रीनिंग में 70,000 से अधिक बच्चे और किशोर सिवियर एनीमिया से पीड़ित पाए गए हैं। इसके साथ ही राज्य की हर दूसरी महिला एनीमिया से पीड़ित पाई गई है।
गडचिरौली जिले में किए गए 3 महीने के प्रयोग में महुआ लड्डू के सकारात्मक परिणाम देखे गए, जिसके बाद टास्कफोर्स अध्यक्ष डॉ. दीपक सावंत ने इसे अन्य जिलों में भी लागू करने का निर्देश दिया है।
यह पहल एनीमिया के खतरे को कम करने और बच्चों और किशोरों के स्वास्थ्य में सुधार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।