महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को घोषणा की कि मुख्यमंत्री माझी लड़की बहन योजना (Majhi Ladki Bahin Yojana) के लाभार्थियों को अक्टूबर और नवंबर महीनों के लिए अग्रिम भुगतान किया जाएगा। इसके पीछे कारण यह है कि विधानसभा चुनावों के लिए आचार संहिता जल्द लागू हो सकती है, जिससे योजना का क्रियान्वयन प्रभावित हो सकता है।
आचार संहिता और योजना का क्रियान्वयन
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की आहट के साथ, राज्य सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया कि माझी लड़की बहन योजना (Majhi Ladki Bahin Yojana) के तहत लाभार्थियों को अक्टूबर और नवंबर के लिए अग्रिम भुगतान किया जाएगा। यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि चुनावी आचार संहिता जल्द लागू हो सकती है, और इसके कारण महिलाओं को समय पर सहायता नहीं मिल पाएगी।
आचार संहिता के तहत, किसी भी नई योजना की घोषणा या क्रियान्वयन पर रोक लग जाती है, जिससे कई बार ऐसी योजनाओं में देरी हो सकती है। हालांकि, यह योजना पहले से ही चल रही है, इसलिए तकनीकी रूप से इसे प्रभावित नहीं होना चाहिए। फिर भी, मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि विपक्षी पार्टियां इसे लेकर अड़चनें खड़ी कर सकती हैं। इस संदर्भ में, मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने यह निर्णय इसलिए लिया है ताकि हमारी बहनों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।”
महिलाओं को अग्रिम भुगतान की शुरुआत
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि अक्टूबर और नवंबर के महीने का भुगतान एक साथ किया जा रहा है ताकि चुनाव आचार संहिता के दौरान योजना प्रभावित न हो। राज्य सरकार का मानना है कि विपक्षी दल, खासकर शिवसेना (यूबीटी), इस योजना में बाधा डाल सकते हैं। इसलिए, महिलाओं को अग्रिम भुगतान (Advance Payment to Women Beneficiaries) की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है।
एकनाथ शिंदे ने चत्रपति संभाजीनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल इस योजना के माध्यम से महिलाओं को मिलने वाली आर्थिक सहायता को रोकने के लिए विभिन्न बाधाएं खड़ी कर सकते हैं। इसलिए, राज्य सरकार ने समय रहते इस महत्वपूर्ण कदम को उठाया है।
राजनीतिक बयानबाजी और विपक्ष पर हमला
मुख्यमंत्री शिंदे ने अपने भाषण में विपक्ष पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने विशेष रूप से शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि महा विकास आघाड़ी सरकार के समय में “वसूली की किस्तें” होती थीं, लेकिन अब उनकी सरकार जनता से कुछ लेने के बजाय, उन्हें वापस देने पर ध्यान देती है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार एक देनदार बैंक है, जो जनता को लौटाती है, न कि लेने वाली बैंक।”
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी सभा को संबोधित किया और कहा कि “हम वही करते हैं जो हम कहते हैं। हमारी योजनाएं केवल चुनावी लाभ के लिए नहीं बनाई जातीं।” उन्होंने लोगों से अपील की कि वे सत्ता में मौजूद गठबंधन को समर्थन दें ताकि सभी कल्याणकारी योजनाएं लगातार चलती रहें। अजित पवार ने यह भी कहा कि माझी लड़की बहन योजना (Majhi Ladki Bahin Yojana) के तहत मिलने वाली 1500 रुपये की राशि को एक तरह से बहुभाईज के तोहफे के रूप में समझा जाए।
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