मुंबई एयरपोर्ट पर एयर इंडिया का विमान उड़ान भरने ही वाला था कि रनवे पर दूसरे विमान के आने से टक्कर होते-होते बची। DGCA ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट बहुत व्यस्त रहता है। यहां दो रनवे हैं, लेकिन कई बार एक साथ दो विमानों को उड़ान भरने या लैंड करने की अनुमति दे दी जाती है। एयर ट्रैफिक कंट्रोलर का काम यह देखना होता है कि विमानों के बीच सुरक्षित दूरी बनी रहे।
मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 22 फरवरी को बड़ा विमान हादसा होते-होते टल गया। दोहा जाने के लिए तैयार एयर इंडिया का विमान जैसे ही रनवे पर तेज़ी पकड़ने लगा, सामने से एयर अस्ताना (कज़ाकिस्तान) का विमान आता दिखा। यह विमान गलत रनवे पर आ गया था। एयर इंडिया के पायलट ने तुरंत टेकऑफ रद्द किया, जिससे टक्कर नहीं हो पाई।
इस घटना के चलते इंडिगो के एक विमान को भी लैंडिंग के समय गो-अराउंड (फिर से उड़ान भरना) करना पड़ा। एयर इंडिया की दोहा फ्लाइट करीब एक घंटे की देरी से उड़ी। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। मुंबई एयरपोर्ट के व्यस्त होने के कारण, एविएशन मिनिस्ट्री ने विमानों के मूवमेंट को दो प्रति घंटा कम करने का आदेश भी दिया है।
आमतौर पर ऐसी घटनाओं को एयरलाइंस और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को रिपोर्ट करना होता है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया। छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट दिल्ली के बाद भारत का दूसरा सबसे व्यस्त एयरपोर्ट है। अप्रैल 2022 से मार्च 2023 के बीच इस एयरपोर्ट ने लगभग 4.4 करोड़ यात्रियों को सेवा दी है।
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मुंबई एयरपोर्ट पर यह घटना एयर ट्रैफिक कंट्रोल और एयरलाइंस के लिए एक चेतावनी है। रनवे पर विमानों की आवाजाही के दौरान थोड़ी सी भी लापरवाही बड़े हादसे को जन्म दे सकती है। DGCA की जांच से यह पता चलेगा कि इस घटना के लिए कौन ज़िम्मेदार है।