महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित जिले गढ़चिरौली से पुलिस प्रशासन के लिए राहत भरी और बेहद महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। वर्षों से जंगलों में सक्रिय रहे और कई हिंसक वारदातों में शामिल 11 कुख्यात नक्सलियों ने आखिरकार मुख्यधारा में लौटने का फैसला करते हुए पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इन सभी पर कुल 82 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
कौन-कौन ने किया सरेंडर?
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली लंबे समय से CPI (माओवादी) संगठन से जुड़े थे। इनमें महिला नक्सलियों की भी संख्या शामिल है, जो बताती है कि संगठन के अंदर भी लगातार टूटन बढ़ रही है। ये सभी कई सालों से अलग-अलग हिंसक घटनाओं, IED हमलों और पुलिस पर फायरिंग जैसी वारदातों में वांछित थे।
पुलिस की सफल रणनीति का परिणाम
गढ़चिरौली पुलिस की लगातार चल रही डे-रेडिकलाइजेशन पहल, सुरक्षा अभियान और संवाद नीति का ये बड़ा परिणाम माना जा रहा है। पुलिस ने बताया कि इन नक्सलियों ने जंगल छोड़ने और सामान्य जीवन अपनाने में वास्तविक रुचि दिखाई है। समर्पण के बाद इन्हें सरकारी पुनर्वास योजनाओं के तहत सहायता भी दी जाएगी।
मुख्यधारा में लौटने की नई शुरुआत
आत्मसमर्पण प्रक्रिया के दौरान कई नक्सलियों ने स्वीकार किया कि संगठन के भीतर गिरते मनोबल, नेतृत्व संकट, लगातार पुलिस दबाव और विकास कार्यों के बढ़ते दायरे ने उन्हें हथियार छोड़ने के लिए मजबूर किया।
गढ़चिरौली में नक्सल गतिविधियों पर बड़ा असर
इस सामूहिक आत्मसमर्पण से गढ़चिरौली में नक्सलियों की कमर कमजोर होने की संभावना है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि ये कदम आने वाले समय में और अधिक नक्सलियों को भी सरेंडर करने के लिए प्रेरित करेगा।
गढ़चिरौली पुलिस की ये उपलब्धि न सिर्फ कानून-व्यवस्था की दिशा में बड़ी सफलता है, बल्कि ये इस बात का भी संकेत है कि क्षेत्र में विकास और सुरक्षा की नीतियां सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं। 11 कुख्यात नक्सलियों का आत्मसमर्पण इस लड़ाई में एक बड़ा मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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