ममता की मजबूरी: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में एक चुनावी रैली के दौरान यह घोषणा की कि वे 1 जून को होने वाली INDIA ब्लॉक की बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगी। उन्होंने इसके लिए राज्य में निर्धारित मतदान और हाल ही में आए चक्रवात ‘रेमल’ के बाद जारी राहत कार्यों को कारण बताया।
ममता बनर्जी की प्राथमिकता: ममता बनर्जी ने जोर देकर कहा कि उनकी प्राथमिकता चक्रवात प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि वे चुनावी रैली में तो हैं, लेकिन उनका दिल उन लोगों के साथ है जो चक्रवात से प्रभावित हुए हैं।
INDIA ब्लॉक की बैठक: INDIA ब्लॉक ने 1 जून को एक सभी-पक्षीय बैठक बुलाई है, जिस दिन लोकसभा चुनावों का सातवां और अंतिम चरण होना है। इस बैठक में INDIA ब्लॉक के सभी गठबंधन साझेदारों को आमंत्रित किया गया है, जो चुनाव परिणामों की घोषणा से चार दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी में होगी।
चुनाव और चक्रवाती राहत कार्य: ममता बनर्जी ने चुनाव और चक्रवाती राहत कार्य के दोहरे चुनौतियों की ओर ध्यान दिलाया और बताया कि उनकी प्राथमिकता राहत प्रयासों की ओर है। उन्होंने कहा कि वे इन सब को छोड़कर कैसे जा सकती हैं।
टीएमसी की स्थिति: टीएमसी ने जनवरी में INDIA ब्लॉक में पश्चिम बंगाल में सीट-शेयरिंग चर्चाओं से खुद को अलग कर लिया था, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी गठबंधन का हिस्सा बने रहने की प्रतिबद्धता जताई थी। चुनाव प्रचार के दौरान पिछले दो महीनों में, बनर्जी ने भरोसा जताया था कि INDIA ब्लॉक लोकसभा चुनाव जीतेगा और उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा विरोधी गठबंधन में अपनी भागीदारी की पुष्टि की थी।
इस घोषणा से यह स्पष्ट होता है कि ममता बनर्जी अपने राज्य और उसके लोगों की भलाई को प्राथमिकता देती हैं, और वे राजनीतिक बैठकों से ऊपर राज्य के हितों को रखती हैं।