Manmohan Singh’s Key Decisions: डॉ. मनमोहन सिंह, जो भारत के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक माने जाते हैं, का जीवन और उनके द्वारा लिए गए फैसले देश के विकास के लिए मील का पत्थर साबित हुए। चाहे वह आधार योजना (Aadhaar Scheme) हो या महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA), उनकी नीतियां आज भी भारतीय समाज की बुनियाद को मजबूत कर रही हैं।
इस लेख में हम उनके पाँच प्रमुख निर्णयों पर चर्चा करेंगे, जिन्होंने भारत के इतिहास को एक नई दिशा दी।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA)
2005 में लागू किया गया महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) ग्रामीण भारत में रोजगार सृजन का प्रतीक बन गया। इस योजना ने हर ग्रामीण परिवार को हर साल 100 दिन का काम उपलब्ध कराने का वादा किया। नतीजतन, ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी कम हुई और गरीब परिवारों की आय में सुधार हुआ।
इस योजना के कारण न केवल गरीबी को कम करने में मदद मिली बल्कि ग्रामीण महिलाओं को भी आर्थिक स्वतंत्रता मिली। गांवों में सड़कों, तालाबों और बुनियादी ढांचे के निर्माण से आर्थिक विकास के नए अवसर उत्पन्न हुए।
आधार योजना: डिजिटल पहचान की क्रांति
2009 में शुरू हुई आधार योजना (Aadhaar Scheme) ने भारत में डिजिटल पहचान का एक नया युग शुरू किया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य हर नागरिक को एक अद्वितीय पहचान संख्या प्रदान करना था।
आधार ने सरकारी योजनाओं और सेवाओं को लोगों तक पहुँचाने में पारदर्शिता और कुशलता लाई। आज, सब्सिडी से लेकर पेंशन तक, हर लाभ सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में ट्रांसफर हो रहा है। इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा और संसाधनों का सही उपयोग सुनिश्चित हुआ।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE)
2010 में लागू हुआ शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right to Education Act) हर बच्चे के लिए शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम था। इस अधिनियम ने 6 से 14 साल के बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा सुनिश्चित की।
इस कानून के कारण गरीब और वंचित वर्गों के बच्चों को स्कूल जाने का अवसर मिला। इससे स्कूल छोड़ने की दर में कमी आई और शिक्षा के क्षेत्र में असमानता को कम करने में मदद मिली।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA)
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (National Food Security Act), 2013 में लागू हुआ, जिसने गरीब परिवारों को सस्ती दरों पर अनाज उपलब्ध कराया।
इसके तहत, प्रति व्यक्ति हर महीने 5 किलो अनाज (गेहूँ, चावल, मोटा अनाज) 1 से 3 रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराया गया। यह योजना खाद्य असुरक्षा को खत्म करने और गरीब परिवारों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में एक मील का पत्थर साबित हुई।
डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT): पारदर्शिता की पहल
2013 में शुरू की गई डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) योजना ने सब्सिडी और वित्तीय लाभ को सीधे लाभार्थियों के खातों में भेजने की व्यवस्था की।
इस पहल ने बिचौलियों की भूमिका को खत्म किया और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई। LPG सब्सिडी, पेंशन, छात्रवृत्ति, और मनरेगा जैसी योजनाओं के तहत धनराशि सीधे लोगों के खाते में पहुँचने लगी। इससे न केवल सरकारी खर्च में बचत हुई बल्कि लाभार्थियों को उनका हक सीधे मिलने लगा।
डॉ. मनमोहन सिंह का कार्यकाल भारतीय राजनीति और नीतियों का स्वर्णिम युग कहा जा सकता है। आधार (Aadhaar) और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) जैसी योजनाएं उनके दूरदर्शी दृष्टिकोण का प्रतीक हैं।
भारत के विकास की इस कहानी में उनके द्वारा लिए गए फैसले आज भी लाखों लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहे हैं। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।
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