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Matka Queen Jaya Chheda: गोवा में मटका जुआ पर छापेमारी, मुंबई की मटका क्वीन जया छेड़ा गिरफ्तार

Matka Queen Jaya Chheda: गोवा में मटका जुआ पर छापेमारी, मुंबई की मटका क्वीन जया छेड़ा गिरफ्तार

Matka Queen Jaya Chheda: मुंबई की चमचमाती सड़कों से लेकर गोवा की रंगीन गलियों तक, एक ऐसी खबर ने सुर्खियां बटोरीं, जिसने सबको चौंका दिया। 02 मई 2025 की देर रात, गोवा पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मटका जुआ (Matka Gambling) पर करारा प्रहार करते हुए मुंबई की कुख्यात मटका क्वीन (Matka Queen) जया छेड़ा को गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई पणजी, मापुसा, परवोरीम, मडगांव, वास्को, पोंडा, मांद्रेम, और पेरनेम जैसे गोवा के कई शहरों में एक साथ की गई छापेमारी का हिस्सा थी। जया के साथ-साथ चंदूभाई ठक्कर उर्फ “डी’सा”, घनश्याम भाई, और 12 अन्य सटोरियों को भी हिरासत में लिया गया। यह घटना न केवल गोवा की शांत छवि पर सवाल उठाती है, बल्कि अवैध जुए के गहरे जाल को भी उजागर करती है। आइए, इस कहानी को करीब से जानते हैं और समझते हैं कि कैसे जया छेड़ा एक बार फिर चर्चा में आईं।

मटका जुआ, जिसे कभी सट्टा के नाम से जाना जाता था, महाराष्ट्र और गुजरात में एक गैरकानूनी लेकिन लोकप्रिय जुआ है। यह खेल नंबरों पर आधारित है, जहां लोग पैसे दांव पर लगाते हैं और जीतने की उम्मीद में इंतजार करते हैं। जया छेड़ा, जिन्हें मटका क्वीन (Matka Queen) के नाम से जाना जाता है, इस खेल की दुनिया में एक बड़ा नाम हैं। वह मुंबई के कल्याण मटका नेटवर्क की मुख्य संचालक मानी जाती हैं, जो इस अवैध कारोबार का सबसे बड़ा केंद्र है। गोवा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, जया मुंबई से इस पूरे नेटवर्क को नियंत्रित करती हैं, जबकि चंदूभाई ठक्कर और घनश्याम भाई गुजरात में मेन बाजार मटका का संचालन करते हैं, जो रात के समय सक्रिय रहता है।

जया का नाम पहली बार तब सुर्खियों में आया, जब उनके पति, कल्याण मटका के किंग कहे जाने वाले सुरेश भगत की 2008 में एक सुनियोजित हादसे में मौत हो गई। बाद में जांच में पता चला कि इस हत्या में जया, उनके बेटे हितेश, और उनके बॉयफ्रेंड सुहास रोगे का हाथ था। जया को इस मामले में 2013 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, लेकिन 2018 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने उन्हें स्वास्थ्य कारणों और अन्य आधारों पर जमानत दे दी। इसके बाद से जया ने कल्याण मटका का कारोबार संभाला, जिसकी कीमत लगभग 3,000 करोड़ रुपये बताई जाती है।

गोवा, जो अपनी समुद्री लहरों और पर्यटन के लिए मशहूर है, अब अवैध जुए के लिए भी चर्चा में है। गोवा पुलिस की क्राइम ब्रांच को खुफिया जानकारी मिली थी कि राज्य में मटका जुआ बड़े पैमाने पर चल रहा है। इस जानकारी के आधार पर, 02 मई 2025 को पुलिस ने एक साथ कई शहरों में छापेमारी की। पणजी की तंग गलियों से लेकर मांद्रेम के शांत इलाकों तक, पुलिस ने मटका जुआ के ठिकानों को निशाना बनाया। इस दौरान नकदी, जुआ से जुड़े सामान, और मटका चार्ट जैसी चीजें जब्त की गईं।

इस छापेमारी में 12 सटोरियों को गिरफ्तार किया गया, और 12 अन्य एजेंटों व हैंडलरों पर भी मामले दर्ज किए गए। जया छेड़ा के अलावा, गुजरात के चंदूभाई ठक्कर और घनश्याम भाई भी इस नेटवर्क के मुख्य संचालक के रूप में पकड़े गए। गोवा पुलिस ने 13 मामले दर्ज किए, जिनमें 12 एफआईआर गोवा जुआ निवारण अधिनियम की धारा 11(2)(a) और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 112 के साथ धारा 3(5) के तहत पांच पुलिस स्टेशनों में दर्ज की गईं। यह कार्रवाई दिखाती है कि गोवा पुलिस अवैध गतिविधियों पर कितनी सख्ती से काम कर रही है।

जया छेड़ा का नाम मटका जुए के साथ-साथ विवादों से भी जुड़ा रहा है। 2008 में उनके पति सुरेश भगत की हत्या के बाद, जया पर आरोप लगा कि उन्होंने अपने बेटे और बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर यह हत्या करवाई, ताकि वह कल्याण मटका का कारोबार अपने हाथ में ले सकें। मुंबई सत्र न्यायालय ने उन्हें और पांच अन्य लोगों को इस मामले में दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा दी। लेकिन जया ने हार नहीं मानी। 2018 में जमानत मिलने के बाद, उन्होंने न केवल मटका कारोबार को फिर से शुरू किया, बल्कि कई कानूनी लड़ाइयां भी लड़ीं।

2022 में, मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जया के खिलाफ कल्याण मटका से जुड़े 13 नए मामले दर्ज किए। जया ने इन मामलों में अग्रिम जमानत के लिए मुंबई सत्र न्यायालय का रुख किया, और उन्हें 13 मामलों में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण मिला। उनके वकील, तारक सईद, ने दलील दी कि ये मामले एक ही तरह के हैं और संभवतः पुलिस अधिकारियों द्वारा उगाही का हिस्सा हैं। 2024 में, जया ने बॉम्बे हाई कोर्ट में 16 एफआईआर को रद्द करने की मांग की, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद उन्होंने छह याचिकाएं वापस ले लीं।

मटका जुआ केवल एक खेल नहीं है; यह एक ऐसा नेटवर्क है, जो कई राज्यों में फैला हुआ है। गोवा पुलिस की जांच में पता चला कि यह नेटवर्क गोवा के स्थानीय एजेंटों और मुंबई व गुजरात के बड़े संचालकों के बीच तालमेल से चलता है। जया छेड़ा मुंबई से इस नेटवर्क का केंद्र संभालती हैं, जबकि ठक्कर और घनश्याम गुजरात में इसके विस्तार को देखते हैं। यह नेटवर्क इतना संगठित है कि यह दिन-रात अलग-अलग समय पर काम करता है, जैसे कि कल्याण मटका दिन में और मेन बाजार मटका रात में।

मटका जुआ आम लोगों को आसान पैसे का लालच देता है, लेकिन इसके पीछे एक गहरा आपराधिक जाल है। यह न केवल अवैध है, बल्कि इससे समाज में कई समस्याएं भी पैदा होती हैं, जैसे कि कर्ज में डूबना, परिवारों का टूटना, और अपराध का बढ़ना। गोवा जैसे पर्यटक स्थल में इस तरह के नेटवर्क का उजागर होना चिंता की बात है, क्योंकि यह राज्य की छवि को प्रभावित कर सकता है।

गोवा पुलिस की इस कार्रवाई ने एक बार फिर अवैध जुए के खिलाफ सख्ती की जरूरत को रेखांकित किया है। गोवा जुआ निवारण अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता के तहत दर्ज मामले दिखाते हैं कि सरकार इस समस्या को गंभीरता से ले रही है। लेकिन केवल छापेमारी और गिरफ्तारी ही काफी नहीं है। समाज में जागरूकता फैलाने की जरूरत है, ताकि लोग ऐसे लालच में न फंसें।

जया छेड़ा जैसे लोग, जो बार-बार कानूनी पचड़ों के बावजूद इस कारोबार को चला रहे हैं, यह दिखाते हैं कि मटका जुआ कितना जटिल और गहरा है। उनकी गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता है, लेकिन यह भी सवाल उठता है कि क्या यह नेटवर्क पूरी तरह खत्म हो पाएगा। गोवा पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस दिशा में एक मजबूत शुरुआत की है, और अब सबकी नजर इस बात पर है कि इस मामले में आगे क्या होता है।

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