MCOCA for Drug Offenders: महाराष्ट्र में मादक पदार्थों की तस्करी (Drug Trafficking) के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने विधान परिषद में बताया कि राज्य सरकार मौजूदा मानसून सत्र में कानून में संशोधन करेगी ताकि बार-बार अपराध करने वाले मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA Action) के तहत सख्त कार्रवाई की जा सके। यह बयान विधान परिषद के सदस्य डॉ. परिणय फुके और एकनाथ खडसे द्वारा राज्य में बढ़ती ड्रग तस्करी की समस्या पर उठाए गए सवालों के जवाब में आया।
फडणवीस ने बताया कि मादक पदार्थों और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस) के तहत गिरफ्तार किए गए लोग अक्सर जमानत पर छूटने के बाद फिर से अपराध शुरू कर देते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार अब एमसीओसीए (MCOCA Action) का सहारा लेगी, जो संगठित अपराधों के खिलाफ सख्त सजा, लंबी पुलिस हिरासत और कठिन जमानत शर्तों की अनुमति देता है। इस कानून के तहत कार्रवाई से दोषियों को आसानी से जमानत नहीं मिलेगी, जिससे तस्करी पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
महाराष्ट्र में ड्रग तस्करी से लड़ने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। फडणवीस ने बताया कि हर पुलिस स्टेशन में अलग-अलग एनडीपीएस इकाइयाँ स्थापित की गई हैं, जिनमें विशेष रूप से मादक पदार्थों के अपराधों से निपटने के लिए प्रशिक्षित अधिकारी और कर्मचारी तैनात हैं। इसके अलावा, जिला स्तर पर समन्वय समितियाँ बनाई गई हैं, जो तस्करी के खिलाफ कार्रवाई को और प्रभावी बनाती हैं। केंद्र सरकार के सहयोग से अंतर-राज्य और राज्य-स्तरीय समन्वय में सुधार हुआ है, जिससे खुफिया जानकारी साझा करके संयुक्त कार्रवाइयाँ संभव हो पाई हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि ड्रग तस्करी (Drug Trafficking) के मामलों में तेजी से सुनवाई के लिए सरकार हाई कोर्ट से फास्ट-ट्रैक कोर्ट स्थापित करने का अनुरोध करेगी। इससे गंभीर अपराधों की सुनवाई में तेजी आएगी और तस्करों के खिलाफ सख्ती बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि पिछले ढाई साल में पुलिस ने इस दिशा में कई कार्रवाइयाँ की हैं। मुंबई पुलिस की नारकोटिक्स विरोधी सेल (एएनसी) ने 12 मामले दर्ज किए और 75 आरोपियों को गिरफ्तार किया। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने 4 मामले दर्ज किए और 22 लोगों को पकड़ा, जबकि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने 3 मामले दर्ज किए।
डॉ. परिणय फुके ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र मेफेड्रोन (मेथाक्वालोन) तस्करी का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में देशभर में इस ड्रग से संबंधित 1,486 मामले सामने आए, जिनमें से अधिकांश महाराष्ट्र से हैं। आंकड़ों के अनुसार, 2022 में 303 मामले, 2023 में 642 मामले और 2024 में अब तक 545 मामले दर्ज किए गए हैं। इन आंकड़ों ने राज्य में ड्रग तस्करी की गंभीरता को उजागर किया है।
फडणवीस ने स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र और पड़ोसी मध्य प्रदेश में भांग की खेती पर प्रतिबंध है। सरकार भांग, गुटखा और अन्य प्रतिबंधित पदार्थों की तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। इसके साथ ही, नशे की लत से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए सरकार नशामुक्ति केंद्रों की संख्या और गुणवत्ता बढ़ाने की नीति बना रही है। यह कदम न केवल तस्करी को रोकने में मदद करेगा, बल्कि प्रभावित लोगों के पुनर्वास में भी सहायक होगा।
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