Mehul Choksi Arrested: एक ऐसी खबर ने सुर्खियां बटोरी हैं, जो भारत के सबसे बड़े बैंक घोटालों में से एक की कहानी को फिर से चर्चा में ला रही है। भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी (Mehul Choksi), जिसने पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपये से ज्यादा के फ्रॉड का आरोप झेला, उसे बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह खबर उस समय सामने आई, जब भारत सरकार ने चौकसी को देश वापस लाने के लिए प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था। यह गिरफ्तारी न केवल एक कानूनी कार्रवाई है, बल्कि यह उस लंबी लड़ाई का हिस्सा है, जो भारतीय जांच एजेंसियां आर्थिक अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए लड़ रही हैं। आइए, इस कहानी को और करीब से समझते हैं।
सब कुछ तब शुरू हुआ, जब मेहुल चौकसी (Mehul Choksi) 2018 में भारत छोड़कर भाग गया। पंजाब नेशनल बैंक में हुए घोटाले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। हजारों करोड़ रुपये का यह फ्रॉड चौकसी और उनके भतीजे नीरव मोदी के नाम से जुड़ा था। दोनों ने मिलकर बैंक के साथ धोखाधड़ी की, जिसका खुलासा होने पर वे देश छोड़कर फरार हो गए। चौकसी पहले एंटीगुआ और बारबुडा में छिपा, जहां उसने वहां की नागरिकता हासिल कर ली। लेकिन अब उसकी दुनिया फिर से सिकुड़ती नजर आ रही है। खबर है कि वह अपनी पत्नी प्रीति चौकसी के साथ बेल्जियम में रह रहा था, जो वहां की नागरिक हैं। शनिवार, 12 अप्रैल 2025 को बेल्जियम पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।
यह गिरफ्तारी भारत की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के लगातार प्रयासों का नतीजा है। इन एजेंसियों ने बेल्जियम के अधिकारियों के साथ मिलकर चौकसी को पकड़ने की रणनीति बनाई थी। एक अधिकारी ने बताया कि चौकसी को जमानत मिलने में समय लगेगा, क्योंकि मामला गंभीर है। सीबीआई अब बेल्जियम सरकार के साथ प्रत्यर्पण की औपचारिकताएं पूरी करने में जुटी है। यह खबर इसलिए भी खास है, क्योंकि हाल ही में आतंकवादी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण में भारत को सफलता मिली थी। अब चौकसी की गिरफ्तारी उस दिशा में एक और कदम है।
पंजाब नेशनल बैंक घोटाला (PNB Scam) की बात करें तो यह भारत के बैंकिंग इतिहास में सबसे बड़े धोखाधड़ी के मामलों में से एक है। चौकसी और नीरव मोदी ने फर्जी दस्तावेजों और लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के जरिए बैंक से भारी रकम हासिल की थी। इस घोटाले का खुलासा 2018 में हुआ, जब पंजाब नेशनल बैंक ने शिकायत दर्ज की। इसके बाद चौकसी के खिलाफ इंटरपोल का रेड नोटिस भी जारी हुआ था। हालांकि, 2022 में इसे वापस ले लिया गया, जिसने कई सवाल खड़े किए। चौकसी ने उस समय दावा किया था कि भारतीय एजेंसियों ने उसे एंटीगुआ से अपहरण कर डोमिनिका ले जाने की कोशिश की थी। लेकिन अब बेल्जियम में उसकी गिरफ्तारी ने इन दावों पर सवालिया निशान लगा दिया है।
बेल्जियम में चौकसी की जिंदगी इतनी आसान नहीं थी, जितनी वह चाहता था। खबरों के मुताबिक, उसने वहां रहने के लिए जाली दस्तावेजों का सहारा लिया था। उसने बेल्जियम के अधिकारियों को गलत जानकारी दी और अपनी भारतीय और एंटीगुआ की नागरिकता को छिपाया। यह सब उसने इसलिए किया, ताकि भारत में प्रत्यर्पण से बच सके। लेकिन सच ज्यादा देर तक छिप नहीं सका। भारतीय एजेंसियों की सतर्कता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग ने चौकसी के मंसूबों पर पानी फेर दिया। अब वह बेल्जियम की पुलिस हिरासत में है, और भारत उसे वापस लाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहा है।
इस मामले में एक और नाम चर्चा में है, और वह है नीरव मोदी। चौकसी का भतीजा और इस घोटाले का सह-अभियुक्त नीरव इस समय लंदन की जेल में बंद है। वह भी भारत में प्रत्यर्पण से बचने की हर कोशिश कर रहा है। लेकिन भारतीय एजेंसियां दोनों को देश वापस लाने के लिए कटिबद्ध हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने 2022 में चौकसी, उनकी पत्नी प्रीति और अन्य के खिलाफ तीसरी चार्जशीट दाखिल की थी। इस चार्जशीट में घोटाले की पूरी परतें खोली गई थीं, जिसमें चौकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स की भूमिका भी शामिल थी।
यह कहानी सिर्फ एक गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है। यह उस लंबे सफर की एक कड़ी है, जो भारत आर्थिक अपराधों के खिलाफ लड़ रहा है। पंजाब नेशनल बैंक घोटाला (PNB Scam) ने न केवल बैंकों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए, बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे कुछ लोग सिस्टम का फायदा उठाकर देश को नुकसान पहुंचा सकते हैं। चौकसी की गिरफ्तारी इस बात का सबूत है कि चाहे कोई कितना भी छिपने की कोशिश करे, कानून का शिकंजा एक दिन उसे जकड़ ही लेता है।
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