Government Rickshaw Taxi Service: महाराष्ट्र सरकार ने अब निजी टैक्सी और रिक्शा कंपनियों को टक्कर देने की तैयारी कर ली है। परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने ऐलान किया कि सरकार जल्द ही अपनी ऐप-आधारित रिक्शा, टैक्सी और ई-बाइक सेवा शुरू करेगी। इस योजना का मकसद है बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना और यात्रियों को सस्ती व सुरक्षित सवारी मुहैया कराना। इस सरकारी ऐप का नाम जय महाराष्ट्र, महा-राइड, महा-यात्री या महा-गो में से कुछ हो सकता है।
प्रताप सरनाईक ने बताया कि इस ऐप को शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्रियों एकनाथ शिंदे व अजित पवार की मंजूरी ली जाएगी। ऐप को बनाने के लिए महाराष्ट्र परिवहन प्रौद्योगिकी संस्थान और मित्र जैसी निजी कंपनियों के साथ बातचीत शुरू हो चुकी है। यह ऐप पूरी तरह पारदर्शी होगा और जल्द ही तैयार हो जाएगा। 5 अगस्त 2025 को मंत्रालय में एक बैठक होगी, जिसमें तकनीशियनों और संबंधित लोगों के साथ ऐप को अंतिम रूप दिया जाएगा।
इस योजना से बेरोजगार युवाओं को बड़ा फायदा होगा। सरकार ने ऐलान किया है कि रिक्शा, टैक्सी या ई-बाइक खरीदने के लिए मुंबई बैंक से 10 प्रतिशत ब्याज पर लोन दिया जाएगा। इसके अलावा, अन्नासाहेब आर्थिक विकास महामंडल, भटके विमुक्त महामंडल, ओबीसी महामंडल और एमएसडीसी जैसी संस्थाएं 11 प्रतिशत ब्याज की सब्सिडी देंगी, जिससे लोन पूरी तरह ब्याज मुक्त हो जाएगा। मुंबई बैंक के अध्यक्ष प्रवीण दरेकर ने भी इस योजना के लिए पूरा सहयोग देने का वादा किया है।
परिवहन मंत्री ने कहा कि अभी कुछ निजी कंपनियां अनधिकृत ऐप्स के जरिए ड्राइवरों और यात्रियों से मोटा मुनाफा कमा रही हैं। कई बार ये कंपनियां ड्राइवरों का शोषण करती हैं और यात्रियों से ज्यादा किराया वसूलती हैं। सरकारी ऐप के आने से इन पर लगाम लगेगी। सरकार के पास तकनीक और संसाधन हैं, जिससे यह ऐप न सिर्फ यात्रियों को सस्ती सवारी देगा, बल्कि ड्राइवरों को भी ज्यादा कमाई का मौका मिलेगा।
यह योजना महाराष्ट्र के लाखों युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी। साथ ही, यह निजी कंपनियों के एकाधिकार को तोड़ेगी। सरनाईक ने कहा कि केंद्र सरकार के एग्रीगेटर नियमों के मुताबिक इस ऐप के नियमों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यह कदम न केवल परिवहन सेवाओं को बेहतर बनाएगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए रास्ते भी खोलेगा।