मुंबई

MHADA Amnesty Scheme: मुंबई में ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के लिए MHADA की माफी योजना 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ी

MHADA Amnesty Scheme: मुंबई में ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के लिए MHADA की माफी योजना 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ी

MHADA Amnesty Scheme: महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई की हाउसिंग सोसाइटीज के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) ने अपनी दो विशेष माफी योजनाओं (Amnesty Schemes) को 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा दिया है। यह फैसला उन 80 हाउसिंग सोसाइटीज के लिए वरदान साबित होगा, जो लंबे समय से ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (Occupancy Certificates) का इंतजार कर रही हैं। यह कदम मुंबई के हजारों निवासियों के लिए न केवल आर्थिक बोझ कम करेगा, बल्कि उनकी संपत्तियों को वैध बनाने में भी मदद करेगा।

मुंबई जैसे व्यस्त शहर में, जहां हर इंच जमीन कीमती है, हाउसिंग सोसाइटीज को अक्सर री-डेवलपमेंट की प्रक्रिया में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कई सोसाइटीज को ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट न मिलने के कारण ऊंचे पानी के बिल, ज्यादा प्रॉपर्टी टैक्स और अपनी संपत्ति बेचने या हस्तांतरित करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। MHADA की इन योजनाओं ने इस समस्या का समाधान निकालने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।

पहली योजना अतिरिक्त प्रीमियम पर ब्याज माफी (Interest Waiver Scheme) है। इसके तहत, सोसाइटीज को री-डेवलपमेंट के लिए लगने वाले अतिरिक्त प्रीमियम पर ब्याज नहीं देना होगा। पहले, जिन सोसाइटीज को 29 जुलाई 2004 से 4 जून 2007 के बीच री-डेवलपमेंट की मंजूरी मिली थी, उन्हें प्रीमियम की राशि और उस पर ब्याज चुकाने के लिए नोटिस जारी किए गए थे। कई सोसाइटीज इस राशि का भुगतान नहीं कर पाईं, जिसके कारण उनके ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट रुके हुए थे। अब, सरकार ने ब्याज माफ कर दिया है, और सोसाइटीज को केवल मूल राशि चुकानी होगी। यह कदम निवासियों के लिए आर्थिक राहत लेकर आया है, जिससे उनकी संपत्ति को नियमित करना आसान हो गया है।

दूसरी योजना DCR 1991 के तहत ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट माफी योजना (Amnesty Scheme for OCs under DCR 1991) है। यह उन इमारतों के लिए है, जिनका री-डेवलपमेंट 1991 के डेवलपमेंट कंट्रोल रेगुलेशंस (DCR) के तहत हुआ और जिन्हें 12 नवंबर 2018 तक बिल्डिंग परमिशन मिला था। इस योजना के तहत, अनधिकृत निर्माण या उपयोग पर लगने वाली पेनल्टी में 75% की छूट दी जाएगी। उदाहरण के लिए, अगर किसी सोसाइटी ने मंजूर किए गए प्लान से ज्यादा निर्माण किया या बालकनी और फूलों के गमलों जैसे हिस्सों को कवर किया, तो अब वे कम पेनल्टी देकर अपने दस्तावेज नियमित कर सकते हैं। MHADA के बिल्डिंग परमिशन सेल ने इस प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए संशोधित प्लान शुल्क और पेनल्टी की दरों को भी कम किया है।

मुंबई में MHADA के अंतर्गत 114 लेआउट हैं, जिनमें लगभग 2.25 लाख हाउसिंग यूनिट्स शामिल हैं। इनमें से 56 लेआउट पुराने हैं और री-डेवलपमेंट की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। इन सोसाइटीज में रहने वाले लोग अक्सर ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के अभाव में कई परेशानियों का सामना करते हैं। बिना सर्टिफिकेट के, उन्हें न केवल ज्यादा टैक्स देना पड़ता है, बल्कि फ्लैट बेचने या ट्रांसफर करने में भी कानूनी अड़चनें आती हैं। MHADA ने इस समस्या को समझते हुए यह सुनिश्चित किया है कि सोसाइटीज अब आसानी से अपने दस्तावेज पूरे कर सकें।

MHADA के मुंबई बोर्ड के मुख्य अधिकारी मिलिंद बोरिकर ने सभी पात्र सोसाइटीज से अपील की है कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और 31 दिसंबर 2025 से पहले अपनी औपचारिकताएं पूरी करें। उन्होंने बताया कि यह योजना न केवल मुंबई शहर, बल्कि इसके उपनगरीय क्षेत्रों में भी लागू है। सोसाइटीज को MHADA की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इस योजना की पूरी जानकारी मिल सकती है।

यह कदम उन हजारों मुंबईकरों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है, जो सालों से अपने घरों को पूरी तरह वैध बनाने का इंतजार कर रहे थे। री-डेवलपमेंट की प्रक्रिया में कई बार आर्थिक और प्रशासनिक कारणों से देरी हो जाती है, लेकिन इस योजना के जरिए सरकार ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि निवासियों को बिना ज्यादा खर्च के अपने अधिकार मिल सकें।

#MHADAAmnesty, #HousingSocieties, #MumbaiRealEstate, #OccupancyCertificates, #MaharashtraHousing

ये भी पढ़ें: Maharashtra: असमय बारिश ने शिंदखेड़ा तालुका में फसलों को किया तबाह; किसानों ने तत्काल सर्वेक्षण की मांग की

You may also like