MHADA लॉटरी का लोगों में बड़ा क्रेज़ रहता है। सबको लगता है कि कम दाम में मुंबई जैसे शहर में घर मिल जाएगा। पर इस बार ऐसा लगता है कि MHADA खुद मुश्किल में फंस गया है। विरार-बोलिंज में उन्होंने हज़ारों घर बनाए थे, पर अब वो बिक नहीं रहे! आधे से ज्यादा घर अभी भी खाली पड़े हैं, यानी करोड़ों रुपये का नुकसान।
MHADA हमेशा मिडिल क्लास लोगों के लिए सस्ते घर बनाने के लिए जाना जाता है। इस बार भी उन्होंने कोकण मंडल के विरार-बोलिंज एरिया में लगभग 10 हजार फ्लैट्स की बड़ी प्रोजेक्ट शुरू की थी। कुछ घर तो बिक गए, लेकिन 5194 फ्लैट्स ऐसे ही पड़े हैं। पहले लॉटरी निकाली, फिर फर्स्ट कम-फर्स्ट सर्व आधार पर घर देने की कोशिश की, पर कुछ नहीं हुआ।
अब ऐसा लग रहा है कि MHADA के पास आखिरी रास्ता बचा है। जो भी एक साथ 100 फ्लैट्स खरीदेगा, उसे 15% की छूट दी जाएगी। मतलब एक-दो घर नहीं, पूरे डेढ़ हजार करोड़ के घरों को बेचना है MHADA को!
सिर्फ विरार-बोलिंज ही नहीं, MHADA के दूसरे एरिया में भी यही हाल है। लगभग 11 हजार घर, जिनकी कीमत कोई 3 हजार करोड़ है, वो भी खाली पड़े हैं।
MHADA ने घर बेचने के लिए नई नीति बनाई है, देखते हैं उससे कुछ फायदा होता है या नहीं।