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MHT-CET 2025: महाराष्ट्र की एमएचटी-सीईटी परीक्षा में 40 गलत सवालों ने बढ़ाई छात्रों की मुश्किलें

MHT-CET 2025: महाराष्ट्र की एमएचटी-सीईटी परीक्षा में 40 गलत सवालों ने बढ़ाई छात्रों की मुश्किलें

MHT-CET 2025: महाराष्ट्र में इंजीनियरिंग और फार्मेसी जैसे पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली महत्वपूर्ण परीक्षा, महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (MHT-CET), इस साल सुर्खियों में रही। इस परीक्षा में हुई गलतियों ने लाखों छात्रों का ध्यान खींचा है। 9 अप्रैल से 5 मई तक कई सत्रों में आयोजित इस कंप्यूटर आधारित परीक्षा (MHT-CET Exam Errors) में 40 सवाल गलत पाए गए हैं। यह खुलासा महाराष्ट्र स्टेट कॉमन एंट्रेंस टेस्ट सेल (सीईटी सेल) ने हाल ही में किया, जिसके बाद छात्रों और अभिभावकों में इस मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई है।

इस साल एमएचटी-सीईटी (MHT-CET) में करीब 8.94 लाख छात्रों ने हिस्सा लिया, जो इसे महाराष्ट्र की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षाओं में से एक बनाता है। यह परीक्षा इंजीनियरिंग, फार्मेसी और कृषि जैसे स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए आयोजित की जाती है। परीक्षा दो समूहों में होती है – पीसीएम (फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथमेटिक्स) और पीसीबी (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी)। इस बार, 27 अप्रैल को पीसीएम समूह की सुबह की पाली में 21 सवालों में त्रुटियां पाई गईं, जिसके कारण सीईटी सेल ने 5 मई को 24,744 अंग्रेजी माध्यम के छात्रों के लिए पुनर्परीक्षा आयोजित की। लेकिन अब ताजा जानकारी के अनुसार, कुल 40 सवाल गलत पाए गए हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा 28 सवाल गणित के हैं।

सीईटी सेल के अनुसार, परीक्षा के बाद कुल 1,414 आपत्तियां दर्ज की गईं, जो 290 सवालों के खिलाफ थीं। इनमें से गणित के 872 सवालों पर सबसे ज्यादा आपत्तियां आईं, इसके बाद भौतिकी के 288, रसायन विज्ञान के 245 और जीवविज्ञान के 9 सवालों पर आपत्तियां दर्ज की गईं। इन आपत्तियों की समीक्षा के बाद, सीईटी सेल ने पुष्टि की कि 40 सवालों में त्रुटियां थीं – 28 गणित में, सात भौतिकी में, चार रसायन विज्ञान में और एक जीवविज्ञान में। इन गलत सवालों (MHT-CET Exam Errors) को मूल्यांकन के दौरान ध्यान में रखा जाएगा, ताकि छात्रों को किसी तरह का नुकसान न हो।

परीक्षा में गलत सवालों का मुद्दा पहली बार तब सामने आया, जब 27 अप्रैल को सुबह की पाली में शामिल हुए छात्रों ने सोशल मीडिया पर अपनी शिकायतें दर्ज कीं। कई छात्रों ने बताया कि गणित के सवालों में दिए गए चार विकल्पों में से कोई भी सही जवाब नहीं था। यह समस्या विशेष रूप से अंग्रेजी माध्यम के पेपर में देखी गई, जहां अनुवाद से संबंधित गलतियां थीं। शुरू में सीईटी सेल ने कहा कि छात्रों को आपत्ति दर्ज करने के लिए प्रति सवाल 1,000 रुपये का शुल्क देना होगा, जिसे छात्रों और अभिभावकों ने अन्यायपूर्ण बताया। इस पर भारी विरोध के बाद, सीईटी सेल ने सभी प्रभावित छात्रों के लिए मुफ्त पुनर्परीक्षा का आयोजन किया और अब मूल्यांकन में भी इन त्रुटियों को ध्यान में रखने का वादा किया है।

एमएचटी-सीईटी की परीक्षा का प्रारूप भी इसकी जटिलता को दर्शाता है। यह परीक्षा ऑनलाइन कंप्यूटर आधारित टेस्ट के रूप में आयोजित की जाती है और इसमें तीन पेपर होते हैं। पेपर 1 गणित का होता है, पेपर 2 में भौतिकी और रसायन विज्ञान शामिल होते हैं, और पेपर 3 जीवविज्ञान का होता है। प्रत्येक पेपर 100 अंकों का होता है, जिसमें गणित के सवालों के लिए प्रति सही जवाब 2 अंक और भौतिकी, रसायन विज्ञान व जीवविज्ञान के लिए प्रति सही जवाब 1 अंक दिया जाता है। अच्छी बात यह है कि इस परीक्षा में गलत जवाब के लिए कोई नकारात्मक अंकन नहीं है, जिससे छात्र बिना डर के सवाल हल कर सकते हैं। हालांकि, इसकी कठिनाई का स्तर जेईई मेन्स के बराबर माना जाता है, जिसके कारण तैयारी में विशेष ध्यान देना पड़ता है।

इस साल की परीक्षा में शामिल सवालों का सिलेबस महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी एजुकेशन के 11वीं और 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम पर आधारित था। इसमें 20 प्रतिशत सवाल 11वीं कक्षा से और 80 प्रतिशत 12वीं कक्षा से पूछे गए। छात्रों ने बताया कि गणित के सवाल विशेष रूप से जटिल थे, और गलत सवालों ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दीं। खासकर अंग्रेजी माध्यम के छात्रों को अनुवाद से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिसके कारण कई सवालों के विकल्प समझने में दिक्कत हुई।

सीईटी सेल ने इस मामले में पारदर्शिता बनाए रखने की कोशिश की है। उन्होंने 22 मई को पीसीएम समूह और 17 मई को पीसीबी समूह के लिए प्रोविजनल उत्तर कुंजी जारी की थी। छात्रों को 22 से 24 मई तक पीसीएम और 19 से 21 मई तक पीसीबी उत्तर कुंजी के खिलाफ आपत्तियां दर्ज करने का मौका दिया गया। इन आपत्तियों की समीक्षा के बाद, अंतिम उत्तर कुंजी जल्द ही जारी की जाएगी, जिसके आधार पर परिणाम तैयार होंगे। परिणाम जून 2025 के पहले सप्ताह में, संभावित रूप से 3 जून को, घोषित होने की उम्मीद है।

यह पहली बार नहीं है जब एमएचटी-सीईटी में ऐसी समस्याएं सामने आई हैं। पिछले साल भी कुछ सवालों पर आपत्तियां दर्ज की गई थीं, लेकिन इस बार त्रुटियों की संख्या और उनका प्रभाव ज्यादा बड़ा है। खासकर गणित के 28 गलत सवालों ने छात्रों के बीच चिंता पैदा की, क्योंकि प्रत्येक गणित का सवाल 2 अंकों का होता है, जो कुल स्कोर और रैंकिंग पर बड़ा असर डाल सकता है। सीईटी सेल ने यह भी स्पष्ट किया कि ये त्रुटियां केवल अंग्रेजी माध्यम के पेपर तक सीमित थीं, और अन्य माध्यमों (जैसे मराठी या उर्दू) में परीक्षा देने वाले छात्रों को ऐसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा।

इस पूरे मामले ने छात्रों और अभिभावकों के बीच परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की, और कुछ ने तो यह भी मांग की कि भविष्य में ऐसी गलतियों से बचने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। सीईटी सेल ने वादा किया है कि गलत सवालों के लिए जिम्मेदार शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, और भविष्य में ऐसी गलतियों को रोकने के लिए पेपर सेट करने की प्रक्रिया में सुधार किया जाएगा।

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