Mission Sanatan: दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश, इंडोनेशिया (Indonesia) में 28 करोड़ मुसलमानों के बीच भी सनातन धर्म (Sanatan Dharma) की गूंज सुनाई देती है। यह इस बात का प्रमाण है कि धार्मिक विविधता और सांस्कृतिक परंपराओं का सम्मान हर देश में मौजूद है। हाल ही में, भारत और इंडोनेशिया के बीच संबंधों को और भी मजबूत करने के लिए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो भारत आए। उनके दौरे के दौरान यह साफ हो गया कि दोनों देशों के बीच का रिश्ता केवल रणनीतिक और व्यापारिक ही नहीं, बल्कि गहरी सांस्कृतिक साझेदारी पर भी आधारित है।
Mission Sanatan: इंडोनेशिया में मंदिरों का जीर्णोद्धार
इंडोनेशिया में 10 हजार से ज्यादा मंदिर (10,000+ Temples in Indonesia) आज भी सनातन धर्म की गौरवशाली परंपरा की गवाही देते हैं। इन मंदिरों में से कई भूकंप और ज्वालामुखी के कारण क्षतिग्रस्त हो गए थे, लेकिन अब भारत के सहयोग से ‘मिशन सनातन’ (Mission Sanatan) के तहत इन मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है।
योग्यकार्ता शहर के बाहरी इलाकों में 240 मंदिरों को फिर से स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 22 मंदिरों का जीर्णोद्धार पूरा हो चुका है। इन मंदिरों में प्रम्बानन मंदिर सबसे प्रमुख है, जो 10वीं सदी का हिंदू मंदिर है और इसे ब्रह्मा, विष्णु और महेश को समर्पित किया गया है।
भारत और इंडोनेशिया की गहरी दोस्ती
भारत और इंडोनेशिया के बीच सांस्कृतिक जुड़ाव सदियों पुराना है। हिंदू धर्म, भारत से होते हुए इंडोनेशिया के जावा द्वीप तक पहुंचा। यह सांस्कृतिक संबंध ही है, जिसकी वजह से दोनों देशों के बीच की दोस्ती आज इतनी मजबूत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो की मुलाकात ने इस रिश्ते को और गहरा किया। भारत और इंडोनेशिया ने समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा और आतंकवाद से निपटने जैसे मुद्दों पर समझौते किए। साथ ही, व्यापार और रक्षा सहयोग को भी बढ़ावा देने के लिए चर्चा हुई।
28 करोड़ मुसलमानों के बीच सनातन धर्म का सम्मान
इंडोनेशिया में 28 करोड़ मुसलमानों की आबादी के बावजूद 10 हजार से अधिक मंदिरों का अस्तित्व यह दर्शाता है कि वहां सनातन धर्म का सम्मान (Sanatan Dharma Respect) कितना गहरा है। यह सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक सहिष्णुता का अद्भुत उदाहरण है।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने उनके स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मदद की थी, जिसे वे कभी नहीं भूल सकते। आज भी, इंडोनेशिया भारत को एक मजबूत दोस्त के रूप में देखता है।
न केवल सांस्कृतिक, बल्कि रणनीतिक साझेदारी भी
भारत और इंडोनेशिया के संबंध सांस्कृतिक ही नहीं, बल्कि रणनीतिक भी हैं। दोनों देशों ने 76वें गणतंत्र दिवस पर साथ मिलकर इस साझेदारी को और मजबूत किया।
इंडोनेशिया में मंदिरों का पुनर्निर्माण केवल धार्मिक महत्व नहीं रखता, बल्कि यह भारत और इंडोनेशिया के गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को भी दर्शाता है। यह इस बात का प्रमाण है कि सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक सहिष्णुता किसी भी देश की असली ताकत होती है। ‘मिशन सनातन’ के जरिए, भारत और इंडोनेशिया इस साझा विरासत को आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित कर रहे हैं।
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