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MMG Gun: भारत की इस ‘कानपुरिया गन’ में ऐसा क्या खास, जो यूरोप ने दे दिया 225 करोड़ का ऑर्डर!

MMG Gun: भारत की इस 'कानपुरिया गन' में ऐसा क्या खास, जो यूरोप ने दे दिया 225 करोड़ का ऑर्डर!

MMG Gun: मेड इन इंडिया (Made in India) के तहत भारत में बनी कई चीजें अब दुनियाभर में अपनी पहचान बना रही हैं। इनमें से एक खास हथियार है मीडियम मशीन गन (MMG), जो पूरी तरह से भारत में बनी है। इस गन को उत्तर प्रदेश के कानपुर में तैयार किया गया है। इसे बनाने का मकसद भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा करना था, लेकिन इसकी खूबियों ने इसे दुनियाभर में मशहूर कर दिया। हाल ही में यूरोप के देशों ने इस गन के लिए 225 करोड़ रुपये का बड़ा ऑर्डर दिया है।


यूरोप ने क्यों दिया इतना बड़ा ऑर्डर?

यूरोप का भारत से यह गन मंगवाना कोई पहला मौका नहीं है। इससे पहले भी यूरोपीय देशों ने 190 करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया था। अब, 225 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर ने इस गन की लोकप्रियता को और बढ़ा दिया है।

इस गन की खासियतें इसे दूसरी बंदूकों से अलग बनाती हैं। यह न केवल भारतीय सेना के लिए, बल्कि दुनियाभर के रक्षा बलों के लिए एक अहम हथियार बन गई है।


MMG गन में क्या खास है?

इस गन की बड़ी डिमांड के पीछे इसकी शानदार तकनीक और फीचर्स हैं। MMG (Medium Machine Gun) में ऐसी खूबियां हैं, जो इसे दुश्मनों के लिए खतरनाक और सेना के लिए बेहद उपयोगी बनाती हैं।

  • यह गन एक मिनट में 1000 गोलियां दागने की क्षमता रखती है।
  • 1.8 किलोमीटर (1800 मीटर) दूर खड़े टारगेट को भी आसानी से निशाना बना सकती है।
  • इसका कैलिबर 7.62 x 51 मिलीमीटर है, जो इसे बेहद ताकतवर बनाता है।
  • इस गन की लंबाई 1255 मिलीमीटर है, जो इसे उपयोग करने में सहज बनाती है।
  • इस गन का वजन सिर्फ 11 किलोग्राम है, जो इसे हल्का और आसानी से ले जाने योग्य बनाता है।

यह गन खासतौर पर उन परिस्थितियों के लिए बनाई गई है, जहां दुश्मन को जल्दी और सटीकता से हराना जरूरी हो।


स्माल आर्म्स फैक्ट्री: MMG का निर्माण स्थल

यह गन उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित स्माल आर्म्स फैक्ट्री में बनाई जाती है। यह फैक्ट्री भारतीय सेना के लिए छोटे हथियार बनाने में माहिर है। 2000 गनों के पिछले ऑर्डर को पूरा करने के बाद अब यह फैक्ट्री यूरोप के नए ऑर्डर पर काम शुरू करेगी।

मेड इन इंडिया अभियान के तहत इस फैक्ट्री ने ऐसे हथियार बनाए हैं, जो न केवल भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा करते हैं, बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी अपनी पहचान बना रहे हैं।


MMG की डिमांड क्यों बढ़ रही है?

भारत में बनी इस गन की डिमांड इसलिए बढ़ रही है क्योंकि यह तकनीकी रूप से उन्नत और उपयोग में बेहद आसान है। इसके फीचर्स इसे दूसरे देशों में बनी गनों के मुकाबले बेहतर बनाते हैं। यही वजह है कि यूरोप जैसे विकसित देश भी इसे अपने रक्षा बलों में शामिल कर रहे हैं।

यह गन दुश्मनों के खिलाफ एक तगड़ा हथियार है। यह न केवल सैन्य अभियानों को तेज बनाती है, बल्कि सटीकता के साथ दुश्मन को खत्म करने की क्षमता रखती है।


मेड इन इंडिया का गर्व

MMG गन भारत के मेड इन इंडिया (Made in India) अभियान का बेहतरीन उदाहरण है। यह दिखाता है कि भारत न केवल अपनी सेना को मजबूत कर रहा है, बल्कि दुनियाभर के देशों को भी अपनी गुणवत्ता से प्रभावित कर रहा है। इस गन ने यह साबित किया है कि भारतीय हथियार तकनीक के मामले में किसी से कम नहीं हैं।


भारत में बनी MMG गन ने दुनिया में अपनी अलग पहचान बना ली है। कानपुर की स्माल आर्म्स फैक्ट्री में बनी इस गन की यूरोप से बढ़ती डिमांड इसका प्रमाण है। 225 करोड़ रुपये का नया ऑर्डर यह साबित करता है कि भारतीय हथियारों की गुणवत्ता और क्षमता को अब वैश्विक स्तर पर सराहा जा रहा है। यह न केवल भारतीय सेना के लिए, बल्कि भारत की तकनीकी ताकत के लिए भी एक बड़ा गर्व है।


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