मुंबई मोनोरेल की सेवाएँ 20 सितंबर से अगले आदेश तक पूरी तरह बंद कर दी जाएँगी। यह फैसला लगातार हो रही तकनीकी खराबियों, यात्रियों की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों और सिस्टम को पूरी तरह अपग्रेड करने की ज़रूरत के चलते लिया गया है।
MMRDA का कहना है कि इस दौरान मोनोरेल में बड़े पैमाने पर री-जुवनेशन और आधुनिकीकरण के काम किए जाएँगे, ताकि यात्रियों को भविष्य में एक सुरक्षित, भरोसेमंद और आधुनिक सफर का अनुभव मिल सके।
सबसे बड़ा बदलाव होगा सीबीटीसी यानी कम्युनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिग्नलिंग सिस्टम का इंस्टॉलेशन, जो मेट्रो लाइनों में पहले से इस्तेमाल किया जा रहा है और अब पहली बार मोनोरेल में लगाया जा रहा है। इससे ट्रेनें ज्यादा सुरक्षित होंगी, उनकी फ्रीक्वेंसी बेहतर होगी और बीच सफर में खराबी की संभावना बेहद कम हो जाएगी।
इसके अलावा मेक-इन-इंडिया के तहत तैयार किए जा रहे नए रैक मोनोरेल में जोड़े जाएँगे। इन नए डिब्बों में आधुनिक सुविधाएँ होंगी जैसे सीसीटीवी कैमरे, डिव्यांगों के लिए आरक्षित सीटें, मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग पॉइंट्स, मल्टीलिंगुअल डिजिटल डिस्प्ले और मेट्रो जैसी मॉडर्न इंटीरियर्स।
पुराने रैक को भी रेट्रोफिट कर नए सिस्टम्स और पार्ट्स लगाए जाएँगे, ताकि वे नए रैक जितने ही सुरक्षित और आरामदायक हो सकें। इसके साथ ही स्टेशनों और पूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी अपग्रेड किया जाएगा।
सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए हर डिब्बे में फायर सेफ्टी सिस्टम और इमरजेंसी उपकरण लगाए जाएँगे, जबकि ट्रेन के ऑपरेशन पर नज़र रखने के लिए आधुनिक इवेंट रिकॉर्डर, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग और बेयरिंग टेम्परेचर मॉनिटरिंग जैसी टेक्नोलॉजी इस्तेमाल की जाएगी।
एमएमआरडीए का कहना है कि यह कुछ महीनों की असुविधा जरूर होगी, लेकिन इन अपग्रेडेशन कार्यों के बाद मुंबईकरों को एक ऐसी मोनोरेल मिलेगी जो तेज़ होगी, सुरक्षित होगी और यात्रियों की उम्मीदों पर खरी उतरेगी।
वरिष्ठ संवादाता – हरीश तिवारी