मुंबई

MMRTA का बड़ा फैसला: ऐप टैक्सी का सफर होगा महंगा, बेस फेयर में बढ़ोतरी

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मुंबई की सड़कों पर चलने वाली ऐप-टैक्सियों और ऑटो सेवाओं के लिए अब बड़ा बदलाव लागू हो गया है। मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र परिवहन प्राधिकरण (MMRTA) ने आदेश जारी कर दिया है कि उबर, ओला और रैपिडो जैसी सभी कंपनियों को काले-पीले टैक्सियों के बेस किराए का पालन करना होगा। यानी अब ऐप-बेस्ड सेवाएं भी सरकारी तय किराए पर ही चलेंगी, जब तक कि नए किराए की घोषणा नहीं होती।

अब कितना देना होगा किराया
गैर-एसी टैक्सियों का वर्तमान किराया 20.66 रुपये प्रति किलोमीटर और एसी टैक्सियों का 22.72 रुपये प्रति किलोमीटर तय है। ये नियम 18 सितंबर शाम 5 बजे से लागू हो चुका है। इसके साथ ही यात्रियों को मौजूदा ऐप-टैक्सी किराए से औसतन 5 रुपये प्रति किलोमीटर ज्यादा भुगतान करना होगा।

छूट और सर्ज चार्ज का विकल्प
MMRTA ने लचीलापन भी रखा है। अगर टैक्सी की मांग कम है तो बेस किराए पर 25% तक छूट दी जा सकती है। वहीं, मांग बढ़ने पर किराया 1.5 गुना तक बढ़ाया जा सकता है। सचिव भरत कालसकर ने बताया कि सभी एग्रीगेटर कंपनियों ने इस फैसले को मानने पर सहमति जताई है।

ड्राइवरों को मिलेगा बड़ा फायदा
नए नियम के अनुसार, ड्राइवरों को किराए का 80% हिस्सा मिलेगा। ये कदम लंबे समय से ड्राइवर यूनियनों की मांग पर उठाया गया है। यूनियनों का कहना था कि अगर सरकार किराए को नहीं बढ़ाती, तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।

यूनियन का विरोध और चेतावनी
जहां एक ओर किराए की नई व्यवस्था ड्राइवरों के पक्ष में दिख रही है, वहीं दूसरी ओर गिग वर्कर्स यूनियन ने नाराजगी जताई है। ‘भारतीय गिग कामगार मंच’ से जुड़े टैक्सी और ऑटो ड्राइवरों ने फ्लोरा फाउंटेन स्थित परिवहन आयुक्त के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। ड्राइवरों ने बाइक टैक्सी को लाइसेंस देने के फैसले का कड़ा विरोध किया।

कुछ कैब ड्राइवरों ने मंत्रालय के बाहर नारेबाजी की और बोर्ड-पोस्टर लगाकर ओला, उबर और रैपिडो जैसी कंपनियों का विरोध किया। इस दौरान परिवहन मंत्री प्रताप सरनाइक पर भी निशाना साधा गया, क्योंकि हाल ही में उन्होंने व्यक्तिगत उपयोग के लिए टेस्ला खरीदी थी।

यूनियन ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो 30 सितंबर को बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

इससे इतना तो तय है कि अब मुंबईकरों को ऐप-टैक्सी का सफर महंगा पड़ेगा, लेकिन ड्राइवरों की जेब में ज्यादा हिस्सा जाएगा। वहीं, गिग यूनियन की नाराजगी आगे और बड़ा विवाद खड़ा कर सकती है।

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