महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने खारघर के मेडिकओवर अस्पताल को लेकर शिकायत दर्ज कराई है। एक सड़क दुर्घटना में घायल हुए मरीज का बिल ₹17 लाख से अधिक हो गया है, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
अस्पतालों द्वारा मरीजों से अत्यधिक बिल वसूलने की घटनाएं चिंता का विषय बन रही हैं। ऐसे केस में राजनीतिक दलों का हस्तक्षेप आवश्यक हो सकता है। MNS ने न सिर्फ शिकायत दर्ज कराई, बल्कि इस मामले में सरकारी अधिकारियों से हस्तक्षेप की मांग की है।
करजत के रहने वाले 26 वर्षीय अक्षय ठांगे का खारघर के मेडिकओवर अस्पताल में इलाज चल रहा है, जहां उनका बिल ₹17 लाख से अधिक हो गया है। MNS का आरोप है कि अस्पताल ने शुरुआत में ₹5 लाख का अनुमान लगाया था, जिसे बिना किसी बड़े ऑपरेशन के कई बार बढ़ाया गया। अक्षय का परिवार इस राशि का भुगतान करने में असमर्थ है और उन्होंने इसे ‘लूट’ करार दिया है।
अस्पताल के मुताबिक, मरीज क्रिटिकल स्थिति में था और उसे आईसीयू में रखना आवश्यक था। हालांकि, MNS के आरोप हैं कि ज़मीन, जिस पर यह अस्पताल बना है, उसका आवंटन भी अनियमित तरीके से हुआ है। अस्पताल और CIDCO के बीच हुए लीज़ अनुबंध के उल्लंघन का भी आरोप है। MNS ने CIDCO से जांच की मांग करते हुए ज़मीन के मूल्य की वसूली का सुझाव दिया है।
मेडिकओवर अस्पताल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इलाज में पारदर्शिता का दावा किया है। इस विवाद ने निजी अस्पतालों और उनके बढ़ते हुए शुल्कों पर बहस छेड़ दी है। ऐसे नाज़ुक मुद्दों पर जांच व सख्त कार्रवाई आवश्यक है।