मुंबई

MNS Workers Detained in Marathi Dispute: मराठी भाषा के नाम पर भायंदर में हिंसा, एमएनएस के सात कार्यकर्ता हिरासत में

MNS Workers Detained in Marathi Dispute: मराठी भाषा के नाम पर भायंदर में हिंसा, एमएनएस के सात कार्यकर्ता हिरासत में

MNS Workers Detained in Marathi Dispute: मुंबई के भायंदर इलाके में एक ऐसी घटना ने सबका ध्यान खींच लिया, जिसने मराठी भाषा (Marathi Language) को लेकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया। मंगलवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के सात कार्यकर्ताओं ने एक फूड स्टॉल मालिक पर इसलिए हमला (Assault) कर दिया, क्योंकि उसने मराठी में बात नहीं की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसमें कुछ हमलावरों को एमएनएस का प्रतीक वाला स्कार्फ पहने देखा गया। शुक्रवार को भायंदर पुलिस ने इन सात कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया, लेकिन नोटिस देने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।

यह सब तब शुरू हुआ जब एमएनएस के कुछ कार्यकर्ता उस फूड स्टॉल पर खाना खरीदने पहुंचे। उन्होंने स्टॉल मालिक से मराठी में बात करने को कहा, लेकिन मालिक ने इसका जवाब सवाल के साथ दिया। इस बात पर बहस बढ़ गई, और एक कार्यकर्ता ने स्टॉल मालिक पर चिल्लाना शुरू कर दिया। इसके बाद कुछ अन्य कार्यकर्ताओं ने मालिक को थप्पड़ मार दिए। इस घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया, और सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला और सुर्खियों में आ गया।

भायंदर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सात एमएनएस कार्यकर्ताओं के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज किया। इन पर दंगा करने, धमकी देने और हमला (Assault) करने के आरोप लगाए गए। सब-इंस्पेक्टर किरण कदम ने बताया कि आरोपियों को पुलिस स्टेशन लाया गया और उन्हें नोटिस देकर छोड़ दिया गया। पुलिस अब इनके खिलाफ “चैप्टर प्रोसीडिंग्स” यानी निवारक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर रही है। इसके तहत जोनल डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस के कार्यालय में आरोपियों को अच्छे व्यवहार का बांड साइन करना होगा।

एमएनएस लंबे समय से महाराष्ट्र में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और बैंकों में मराठी भाषा (Marathi Language) के उपयोग को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। लेकिन इस तरह की हिंसक घटनाएं उनके इस अभियान को विवादास्पद बना रही हैं। इस घटना ने एक बार फिर सवाल उठाया है कि क्या भाषा के प्रचार के लिए हिंसा का रास्ता सही है।

इस मामले पर एनसीपी (शरद पवार) की नेता सुप्रिया सुले ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कोई भी कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता। मराठी भाषा को बढ़ावा देने के लिए हिंसा के बजाय गैर-मराठी लोगों को मराठी सिखाने की दिशा में काम करना चाहिए। यह घटना मुंबई में मराठी भाषा (Marathi Language) के प्रति चल रहे तनाव को और उजागर करती है, और समाज में एक नकारात्मक संदेश फैलाती है।

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