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Modern Honey Trap Methods: सोशल मीडिया पर अनजान लड़कियों से दोस्ती करने से पहले जरूर पढ़ें ये खबर, आपकी एक गलती पूरी जिंदगी पर पड़ सकती है भारी, जानिए क्यों खुफिया एजेंसियां इस तरीके को मानती हैं सबसे कारगर

Modern Honey Trap Methods: सोशल मीडिया पर अनजान लड़कियों से दोस्ती करने से पहले जरूर पढ़ें ये खबर, आपकी एक गलती पूरी जिंदगी पर पड़ सकती है भारी, जानिए क्यों खुफिया एजेंसियां इस तरीके को मानती हैं सबसे कारगर
Modern Honey Trap Methods: आज के डिजिटल युग में हनी ट्रैप की साजिश (Honey Trap Conspiracy) एक बड़ी और गंभीर चुनौती बन गई है। पूर्व खुफिया अधिकारी लकी बिष्ट द्वारा साझा की गई जानकारी से पता चलता है कि यह समस्या हमारी सोच से कहीं ज्यादा गंभीर और जटिल है, जो किसी की भी जिंदगी को पूरी तरह से बर्बाद कर सकती है।

आधुनिक समय में हनी ट्रैप का खतरा डिजिटल युग में बचाव के तरीके (Prevention Methods) जानना बेहद जरूरी हो गया है। सोशल मीडिया के बढ़ते प्रयोग के साथ हनी ट्रैप के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। पूर्व रॉ एजेंट लकी बिष्ट के अनुसार, उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर हर महीने सैकड़ों संदिग्ध संदेश आते हैं, जिनमें से कई विदेशी खुफिया एजेंसियों से जुड़े हो सकते हैं। यह बात और भी चिंताजनक है क्योंकि आज के समय में हर कोई सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता है और इन प्लेटफॉर्म्स पर अपनी निजी जानकारी शेयर करता है।

लंबी अवधि की साजिश एक और चौंकाने वाला तथ्य यह है कि हनी ट्रैप की साजिश (Honey Trap Conspiracy) कई बार दशकों तक चल सकती है। कोई महिला किसी व्यक्ति से शादी करके, बच्चे पैदा करके भी अपने देश के लिए गुप्त मिशन पर हो सकती है। इस तरह की साजिश में फंसा व्यक्ति इसे प्रेम विवाह समझता है, जबकि वास्तविकता कुछ और ही होती है। लकी बिष्ट के अनुसार, कई मामलों में लोगों को 20-25 साल बाद भी पता चलता है कि उनका पूरा जीवन एक बड़ी साजिश का हिस्सा था। इस दौरान न केवल उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जाता है, बल्कि उनकी महत्वपूर्ण जानकारी भी दूसरे देशों तक पहुंच जाती है।

डिजिटल सुरक्षा और सतर्कता आज के समय में साइबर सुरक्षा और राष्ट्रीय खतरा (Cyber Security and National Threat) पहले से कहीं ज्यादा गंभीर हो गया है। हनी ट्रैप का इस्तेमाल अब सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने के लिए ही नहीं, बल्कि साइबर अपराध और धोखाधड़ी के लिए भी किया जा रहा है। विशेष रूप से अमीर परिवारों के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। साइबर अपराधी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों को फंसाते हैं और फिर उनसे पैसे ऐंठते हैं या उनकी निजी जानकारी का दुरुपयोग करते हैं।

खुफिया एजेंसियों की रणनीति विभिन्न देशों की खुफिया एजेंसियां हनी ट्रैप को एक प्रभावी हथियार के रूप में इस्तेमाल करती हैं। वे अपने लक्ष्य की कमजोरियों का अध्ययन करके उसे फंसाने की योजना बनाती हैं। इसमें सोशल मीडिया से लेकर व्यक्तिगत मुलाकातों तक का इस्तेमाल किया जाता है। कई बार तो इतनी लंबी योजना बनाई जाती है कि व्यक्ति को शक भी नहीं होता कि वह किसी साजिश का शिकार हो रहा है।

लकी बिष्ट का अनुभव और सलाह पूर्व रॉ एजेंट लकी बिष्ट, जिन्होंने इजराइल में ढाई साल बिताए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में भी काम किया है, का मानना है कि हर व्यक्ति को अपनी सीमाएं तय करनी चाहिए। उनके अनुसार, जो लोग अपनी सीमाओं का उल्लंघन करते हैं, वे आसानी से हनी ट्रैप का शिकार बन जाते हैं। वे कहते हैं कि सोशल मीडिया पर किसी अनजान व्यक्ति से दोस्ती करने से पहले उसकी पूरी जांच-पड़ताल करनी चाहिए। साथ ही, अपनी निजी जानकारी को सुरक्षित रखना भी बेहद जरूरी है।

बदलता परिदृश्य और नए खतरे आज के समय में हनी ट्रैप के तरीके भी बदल गए हैं। पहले जहां इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से सैन्य और राजनीतिक जानकारी हासिल करने के लिए किया जाता था, वहीं अब इसका दायरा बहुत बढ़ गया है। साइबर अपराधी इसका इस्तेमाल पैसे ऐंठने, ब्लैकमेल करने और यहां तक कि कॉरपोरेट जासूसी के लिए भी करने लगे हैं।

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