मोखड़ा हत्याकांड का रहस्य: याद होगा आपको वो दिन, जब मोखड़ा के पास वैतरणा नदी के पुल के नीचे एक महिला की लाश मिली थी…जिसका सर कटा हुआ था. इस खौफनाक खबर से पूरा इलाका दहल गया था. पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी कि मरने वाली महिला कौन थी, और उसे इस हाल में क्यों पहुंचाया गया. हफ्तों की जांच के बाद भी पुलिस के हाथ खाली थे. लेकिन कहते हैं ना, कि सब्र का फल मीठा होता है…
41 दिन बाद, मोखड़ा पुलिस ने आखिरकार इस केस को सुलझा लिया है! मरने वाली महिला की पहचान हो गई है – उसका नाम है ममता लालसिंह पवारा (उम्र 35 साल), जो शिरूर तालुका के लाकडे हनुमान गांव की रहने वाली थी. पुलिस को ये पता कुछ सुरागों से चला – ममता के हाथ पर एक टैटू बना हुआ था और उसके पैर के अंगूठे पर खास तरह का निशान था. इन्हीं सुरागों को जोड़ते हुए, पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है – सुनील उर्फ गोविंद यादव (उम्र 45 साल), जो उत्तर प्रदेश का रहने वाला है, और उसका साथी महेश बडगुजार (उम्र 31 साल), जो शिरूर तालुका का ही रहने वाला है.
पुलिस के मुताबिक, ये दोनों ममता को बहला-फुसलाकर लोनावला घुमाने के बहाने ले गए थे. वहां बडगुजार की कार में ही ममता का गला घोंटकर हत्या कर दी गई. बाद में, लाश को ठिकाने लगाने के लिए उसका सर काट दिया गया और धड़ को वैतरणा नदी के पुल के नीचे फेंक दिया गया. अभी तक ममता का सर नहीं मिला है, और पुलिस इसकी भी तलाश कर रही है. पालघर के पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटिल ने इस केस को सुलझाने वाली पुलिस टीम की तारीफ की है.






























