महाराष्ट्रमुंबई

Money in Politics: ‘मैं 12 करोड़ खर्च करके चुनाव जीता हूं’, अजित पवार का बढ़ा सिर दर्द, विधायक का बड़बोलापन पड़ गया भारी

Money in Politics: 'मैं 12 करोड़ खर्च करके चुनाव जीता हूं’, अजित पवार का बढ़ा सिर दर्द, विधायक का बड़बोलापन पड़ गया भारी

Money in Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों अजित पवार और उनकी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) कई विवादों में घिरी हुई है। पहले से ही मंत्रियों के विवादित बयानों और आरोपों से जूझ रही पार्टी को अब एक और झटका लगा है। इस बार पार्टी के ही विधायक प्रकाश सोलंके ने अपने बयान से अजित पवार का सिरदर्द बढ़ा दिया है। उन्होंने सार्वजनिक तौर पर यह कह दिया कि उन्होंने 10 से 12 करोड़ रुपए खर्च करके चुनाव जीता है। यह बयान न केवल चुनाव आयोग के नियमों के खिलाफ है, बल्कि इसने पार्टी की छवि को भी नुकसान पहुंचाया है।

विधायक का बयान: पैसे की राजनीति का खुलासा

MLA’s Statement: Exposing Money Power in Politics

प्रकाश सोलंके ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा, “आजकल चुनाव लड़ने के लिए पैसा बहुत मायने रखता है। मैंने भी 10 से 12 करोड़ रुपए खर्च करके चुनाव जीता है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि अन्य उम्मीदवारों ने भी करोड़ों रुपए खर्च किए हैं। यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और राजनीतिक गलियारों में तूफान ला दिया।

चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, विधानसभा चुनाव में एक उम्मीदवार अधिकतम 40 लाख रुपए ही खर्च कर सकता है। ऐसे में सोलंके का यह बयान न केवल चुनावी नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह पैसे की राजनीति की सच्चाई को भी उजागर करता है।

अजित पवार के लिए बढ़ती मुश्किलें

Increasing Troubles for Ajit Pawar

अजित पवार पहले से ही पार्टी के कई नेताओं के विवादित बयानों और आरोपों से परेशान हैं। पिछले कुछ महीनों में पार्टी के मंत्रियों पर भ्रष्टाचार और अपराधिक मामलों के आरोप लगे हैं। ऐसे में सोलंके का यह बयान अजित पवार के लिए एक नई चुनौती बन गया है।

विरोधी दलों ने इस बयान का फायदा उठाते हुए राकांपा पर हमला बोल दिया है। उनका कहना है कि यह बयान साबित करता है कि राकांपा पैसे की ताकत पर चुनाव जीतती है। इससे पार्टी की छवि को गंभीर नुकसान पहुंचा है।

विधायक की विधायकी खतरे में

MLA’s Membership in Danger

प्रकाश सोलंके का यह बयान उनकी विधायकी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, अगर कोई उम्मीदवार चुनावी खर्च की सीमा से अधिक खर्च करता है, तो उसकी सदस्यता रद्द की जा सकती है। ऐसे में सोलंके की विधायकी खतरे में पड़ गई है।

हालांकि, बाद में सोलंके ने अपने बयान को सफाई देते हुए कहा कि वह मजाक कर रहे थे और उन्होंने केवल 10 से 12 लाख रुपए ही खर्च किए हैं। लेकिन यह सफाई अब तक के नुकसान को पूरा करने में नाकाफी साबित हो रही है।

राजनीति में पैसे की भूमिका

Role of Money in Politics

सोलंके के बयान ने एक बार फिर राजनीति में पैसे की भूमिका को लेकर बहस छेड़ दी है। आज के दौर में चुनाव लड़ने के लिए पैसा एक बड़ा फैक्टर बन गया है। उम्मीदवारों को प्रचार, रैलियों और अन्य गतिविधियों के लिए भारी रकम खर्च करनी पड़ती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि चुनावी नियमों को ताक पर रख दिया जाए।

चुनाव आयोग को इस मामले में सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसे बयानों और गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके।

Money in Politics:

प्रकाश सोलंके का बयान न केवल उनके लिए, बल्कि पूरी राकांपा के लिए एक बड़ा सबक है। राजनीति में पैसे की भूमिका को लेकर यह मामला एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है। अजित पवार के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि वह इस मामले को कैसे संभालते हैं और पार्टी की छवि को कैसे बचाते हैं।


#MaharashtraPolitics #AjitPawar #ElectionControversy #MoneyInPolitics #Raknapa

ये भी पढ़ें: 12 मार्च 2025 का राशिफल: प्यार, पैसा और स्वास्थ्य का पूरा हाल जानें आज के राशिफल में!

You may also like