MSRTC की हड़ताल ने मचाई खलबली: महाराष्ट्र के लाखों यात्रियों के लिए मंगलवार का दिन बेहद मुश्किल भरा रहा। महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के कर्मचारियों की हड़ताल ने पूरे राज्य में बस सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित किया। इस MSRTC हड़ताल ने न सिर्फ आम लोगों की दिनचर्या बिगाड़ दी, बल्कि त्योहारी सीजन में यात्रा करने वालों के लिए भी बड़ी समस्या खड़ी कर दी।
हड़ताल का कारण और प्रभाव
MSRTC के 11 कर्मचारी संगठनों ने वेतन संबंधी मांगों को लेकर यह हड़ताल शुरू की। उनकी मुख्य मांग है कि उन्हें राज्य सरकार के कर्मचारियों के बराबर वेतन दिया जाए। इस हड़ताल के चलते MSRTC के कुल 251 बस डिपो में से 59 पूरी तरह से बंद हो गए, जबकि 77 में आंशिक रूप से काम हुआ। सिर्फ 115 डिपो ही सामान्य रूप से चल पाए।
एक MSRTC अधिकारी ने बताया, “हड़ताल के कारण हमें करीब 14-15 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कुल 22,389 नियोजित यात्राओं में से 11,943 यात्राएं रद्द करनी पड़ीं। यह लगभग 50% सेवाओं के ठप होने जैसा है।”
यात्रियों पर पड़ा असर
इस MSRTC हड़ताल का सबसे ज्यादा असर आम यात्रियों पर पड़ा। ठाणे, पुणे, नासिक और जलगांव जैसे जिलों में कई डिपो पूरी तरह से बंद रहे। एक यात्री ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा, “हम गणेश चतुर्थी के लिए घर जाने की योजना बना रहे थे, लेकिन अब हमारी सारी योजनाएं अधर में लटक गई हैं।”
हालांकि, मुंबई क्षेत्र में बस सेवाएं सामान्य रहीं और विदर्भ क्षेत्र में भी हड़ताल का कोई असर नहीं दिखा। पश्चिम महाराष्ट्र में भी बसें आम दिनों की तरह चलती रहीं।
सरकार और प्रशासन की कार्रवाई
MSRTC हड़ताल को देखते हुए सरकार और प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं। औद्योगिक अदालत ने हड़ताल को गैरकानूनी घोषित कर दिया है और कर्मचारियों को तुरंत काम पर लौटने का आदेश दिया है। MSRTC प्रशासन ने अस्थायी आधार पर ड्राइवर और अन्य कर्मचारियों की भर्ती शुरू कर दी है ताकि सेवाओं को जारी रखा जा सके।
एक MSRTC प्रवक्ता ने कहा, “कल से हम लंबी अवधि के अनुबंध पर ड्राइवर और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति करेंगे ताकि सेवाओं में और रुकावट न आए।” उन्होंने यह भी बताया कि स्थानीय प्रशासन को उन हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं जो दूसरे कर्मचारियों को काम पर आने से रोक रहे हैं।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार शाम को हड़ताली कर्मचारियों की कार्रवाही समिति के साथ एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में कर्मचारियों की मांगों पर चर्चा होगी। MSRTC प्रबंधन और हड़ताली कर्मचारी दोनों इस बैठक से सकारात्मक परिणाम की उम्मीद कर रहे हैं।
एक यूनियन नेता ने कहा, “हमारा विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक कि संतोषजनक समाधान नहीं निकल जाता।” वहीं MSRTC प्रबंधन ने कर्मचारियों से अपील की है कि वे त्योहारी सीजन में और परेशानी न बढ़ाएं और बातचीत जारी रखते हुए काम पर लौट आएं।
MSRTC हड़ताल का भविष्य
MSRTC महाराष्ट्र के लिए एक जीवन रेखा की तरह है। इसके पास लगभग 15,000 बसों का बेड़ा है और 90,000 कर्मचारी काम करते हैं। रोजाना करीब 55 लाख यात्री MSRTC की सेवाओं का उपयोग करते हैं। ऐसे में यह हड़ताल न सिर्फ यात्रियों के लिए, बल्कि पूरे राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए भी चिंता का विषय है।
अगर जल्द ही कोई समाधान नहीं निकला तो यह MSRTC हड़ताल और भी लंबी खिंच सकती है। इससे न सिर्फ यात्रियों को परेशानी होगी, बल्कि MSRTC को भी भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और कर्मचारी इस समस्या का कैसे समाधान निकालते हैं।
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