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मुहम्मद सादुल्ला: असम के पहले मुख्यमंत्री जिन्होंने शुरू किया था ‘नमाज ब्रेक’!

मुहम्मद सादुल्ला: असम के पहले मुख्यमंत्री जिन्होंने शुरू किया था 'नमाज ब्रेक'!
असम के पहले मुख्यमंत्री: मुहम्मद सादुल्ला का जन्म 1885 में गुवाहाटी में हुआ था। उन्होंने गुवाहाटी के कॉटन कॉलेज और कलकत्ता के प्रेसीडेंसी कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की। असम में मुस्लिम लीग के प्रमुख नेता के रूप में, सादुल्ला ने 1937 में ब्रिटिश भारत के असम के पहले मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। उन्होंने गैर-कांग्रेसी दलों के साथ गठबंधन कर यह पद हासिल किया था, लेकिन 1938 में अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।

‘नमाज ब्रेक’ की परंपरा का आरंभ

1937 में, जब मुहम्मद सादुल्ला मुख्यमंत्री थे, उन्होंने असम विधानसभा में मुस्लिम विधायकों के लिए ‘नमाज ब्रेक’ की परंपरा शुरू की थी। इस ब्रेक के तहत, शुक्रवार को मुस्लिम विधायकों को नमाज अदा करने के लिए दो घंटे का अवकाश दिया जाता था। हाल ही में, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस प्रथा को समाप्त कर दिया, जिसे उन्होंने राज्य की उत्पादकता बढ़ाने और औपनिवेशिक प्रभाव से मुक्त होने का एक कदम बताया।

मुहम्मद सादुल्ला का राजनीतिक जीवन

मुहम्मद सादुल्ला ने असम की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें 1928 में ब्रिटिश सरकार से नाइटहुड की उपाधि मिली थी। 1937 में, उन्होंने असम विधानसभा में सीट जीती और राज्यपाल द्वारा मंत्रालय बनाने के लिए आमंत्रित किए गए। वह संविधान सभा के सदस्य भी रहे और मुस्लिम लीग के 28 सदस्यों में से एक थे। उन्होंने विधानसभा में अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।

मुहम्मद सादुल्ला का अंतिम समय

1951 में, जब सादुल्ला गंभीर रूप से बीमार हुए, उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया। 1955 में, गुवाहाटी में उनका निधन हो गया। अपने जीवन के आखिरी दिनों में, उन्होंने साधारण जीवन को अपनाया और राजनीति से दूर रहे। उनकी विरासत असम की राजनीति और मुस्लिम अधिकारों के संघर्ष में अमर है।


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