अस्पताल की स्थिति: ठाणे जिले के कलवा में स्थित सरकारी छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में जून महीने के दौरान नवजात गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में 21 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। यह वही अस्पताल है जहाँ दिसंबर 2023 में 24 घंटे के भीतर 18 मरीजों की जान चली गई थी।
मुख्यमंत्री का दौरा और बदलाव की कमी
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गृह क्षेत्र ठाणे है। उन्होंने 2023 में इस अस्पताल का दौरा किया था और इसके जीर्णोद्धार के आदेश दिए थे, लेकिन अस्पताल में कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ।
मौतों की पुष्टि
गुरुवार को अस्पताल के डीन डॉ. राकेश बरोट ने बताया कि जून में 21 नवजात शिशुओं की मौत हुई, जिनमें से छह सेप्टिक थे और 15 गैर-सेप्टिक। उन्होंने कहा कि यह संख्या चिंताजनक नहीं है, क्योंकि अधिकतर नवजात शिशु गंभीर हालत में अस्पताल लाए गए थे।
समय की कमी
शिशु रोग विभाग के प्रमुख डॉ. जयेश पनोट ने बताया कि अधिकतर नवजात शिशुओं को जन्म के तुरंत बाद आवश्यक उपचार नहीं मिला, जिससे उनकी हालत बिगड़ गई। जब तक बच्चे हमारे अस्पताल में लाए जाते हैं, तब तक कीमती समय बर्बाद हो चुका होता है और उन्हें बचाने के लिए बहुत कम किया जा सकता है।
निजी अस्पतालों का शोषण
डॉ. पनोट ने बताया कि कुछ निजी अस्पताल बच्चों के माता-पिता से भारी शुल्क वसूलते हैं और फिर इलाज में हार मान लेते हैं। इससे बच्चे की हालत और बिगड़ जाती है।
एनआईसीयू की स्थिति
अस्पताल के एनआईसीयू में 35 बिस्तर हैं, जो पालघर और अन्य आदिवासी क्षेत्रों के मरीजों के लिए पर्याप्त नहीं हैं। डॉ. पनोट ने बताया कि एनआईसीयू वाला अगला अस्पताल नासिक में है, जो काफी दूर है।
इस स्थिति को देखते हुए, अस्पताल की हालत में सुधार और अधिक सुविधाओं की आवश्यकता है ताकि नवजात शिशुओं को समय पर और सही उपचार मिल सके।
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