Mumbai Air Quality Monitoring: मुंबई, जो अपने तेज़ रफ्तार जीवन और गगनचुंबी इमारतों के लिए मशहूर है, आज वायु प्रदूषण की गंभीर चुनौती से जूझ रहा है। शहर की हवा को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने के लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने एक नया कदम उठाया है। BMC ने पांच हैंडहेल्ड वायु गुणवत्ता निगरानी उपकरण (Handheld Air Quality Monitors) खरीदने का फैसला किया है, जिनका उपयोग विशेष रूप से निर्माण स्थलों पर प्रदूषण और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) की निगरानी के लिए होगा। प्रत्येक उपकरण की कीमत 5 लाख रुपये है, और यह पायलट परियोजना मुंबई की पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस लेख में हम इस नई पहल और मुंबई की वायु गुणवत्ता निगरानी (Mumbai Air Quality Monitoring) के प्रयासों को समझेंगे।
मुंबई की सड़कों पर धूल, निर्माण कार्यों से निकलने वाला धुआं और वाहनों का शोर वायु प्रदूषण को बढ़ा रहा है। खासकर निर्माण स्थलों पर PM 2.5 और PM 10 जैसे सूक्ष्म कणों का स्तर चिंताजनक है। इन कणों को सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंचने में देर नहीं लगती, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है। BMC के पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग ने इस समस्या से निपटने के लिए हैंडहेल्ड वायु गुणवत्ता निगरानी उपकरण (Handheld Air Quality Monitors) खरीदने का टेंडर जारी किया है। ये उपकरण कॉम्पैक्ट और पोर्टेबल हैं, जिससे BMC के इंजीनियर इन्हें आसानी से निर्माण स्थलों या अन्य जरूरी जगहों पर ले जा सकते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य वास्तविक समय में AQI, PM 2.5, PM 10, सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2), हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S), कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), मीथेन (CH4), और कुल वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (TVOC) की निगरानी करना है।
मुंबई में वर्तमान में करीब 25 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन हैं। इनमें से 11 महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB), नौ SAFAR, और पांच BMC द्वारा संचालित हैं। इसके अलावा, BMC ने पांच और नए कंटीन्यूअस एम्बिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन (CAAQMS) स्थापित करने की योजना बनाई है। लेकिन ये स्टेशन बड़े हैं और इन्हें स्थापित करने के लिए जगह और संसाधनों की जरूरत होती है। इसके विपरीत, नए हैंडहेल्ड उपकरण छोटे और सुविधाजनक हैं। एक वरिष्ठ BMC अधिकारी ने बताया कि ये उपकरण इंजीनियरों को तुरंत डेटा उपलब्ध कराएंगे, जिससे निर्माण स्थलों पर प्रदूषण के स्तर की जांच करना आसान हो जाएगा। उदाहरण के लिए, अगर किसी क्षेत्र से दुर्गंध या प्रदूषण की शिकायत आती है, तो इंजीनियर इन उपकरणों का उपयोग करके तुरंत स्थिति का आकलन कर सकते हैं।
यह पायलट परियोजना इसलिए खास है, क्योंकि यह निर्माण स्थलों पर प्रदूषण की निगरानी को और सटीक बनाएगी। BMC ने पहले ही सभी निर्माण स्थलों को अपने स्वयं के सेंसर-आधारित AQI निगरानी स्टेशन लगाने का निर्देश दिया है। लेकिन एक चौंकाने वाला तथ्य यह है कि केवल 10 प्रतिशत निर्माण स्थल ही इस नियम का पालन कर रहे हैं। जो स्टेशन लगाए गए हैं, उनके डेटा की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठे हैं। इस समस्या को हल करने के लिए BMC ने फरवरी में एक एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) जारी किया था, जिसमें PM 2.5 और PM 10 की निगरानी के लिए उपयुक्त तकनीकों वाली कंपनियों को आमंत्रित किया गया। इसके बाद 15 कंपनियों की तकनीकों को अंतिम रूप दिया गया, और सभी निर्माण स्थलों को 30 दिनों के भीतर इन स्टेशनों को स्थापित करने का निर्देश दिया गया।
BMC के इस कदम से निर्माण स्थलों पर प्रदूषण नियंत्रण में पारदर्शिता आएगी। हैंडहेल्ड उपकरण BMC इंजीनियरों को स्वतंत्र रूप से डेटा इकट्ठा करने में मदद करेंगे, जिससे निर्माण कंपनियों की ओर से दी गई जानकारी की सत्यता की जांच की जा सकेगी। एक अधिकारी ने बताया कि ये उपकरण महंगे हैं, इसलिए फिलहाल केवल पांच उपकरण खरीदे जा रहे हैं। पायलट परियोजना के दौरान इनके उपयोग और सटीकता का मूल्यांकन किया जाएगा। अगर परिणाम सकारात्मक रहे, तो भविष्य में और उपकरण खरीदे जा सकते हैं।
मुंबई की वायु गुणवत्ता निगरानी (Mumbai Air Quality Monitoring) में यह कदम एक नई शुरुआत है। शहर में बढ़ते निर्माण कार्य, चाहे वह मेट्रो हो, फ्लाईओवर हो, या ऊंची इमारतें, पर्यावरण पर भारी दबाव डाल रहे हैं। BMC ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए 27-सूत्रीय दिशानिर्देश भी जारी किए हैं, जिनमें निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण, ग्रीन कवर बढ़ाना, और नियमित निगरानी शामिल हैं। लेकिन इन दिशानिर्देशों का पालन कितना हो रहा है, यह एक बड़ा सवाल है। हैंडहेल्ड उपकरण इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं, क्योंकि ये त्वरित और सटीक डेटा प्रदान करेंगे।
मुंबई जैसे शहर में, जहां हर सांस में प्रदूषण का खतरा है, ऐसे प्रयास नई पीढ़ी के लिए उम्मीद की किरण हैं। ये उपकरण न केवल प्रदूषण की निगरानी करेंगे, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेंगे कि निर्माण कार्य पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाएं। यह पहल मुंबई को एक स्वच्छ और स्वस्थ शहर बनाने की दिशा में एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण कदम है।