मुंबई बस हादसा: मीरा रोड के वॉकहार्ट अस्पताल में डॉक्टरों ने एक भीषण बस दुर्घटना में 33 वर्षीय महिला की जान बचाने के साथ साथ उनके दोनों पैरों को भी बचा लिया।
किंजल शाह नाम की 33 वर्षीय विज्ञापन कार्यकारी एक व्यस्त कार्यदिवस के बाद घर लौट रही थीं। भीड़भाड़ वाली बस में सवार होने के दौरान दुर्भाग्य से उनका संतुलन बिगड़ा और वह चलती बस के पहिए के नीचे आ गईं। इस भीषण दुर्घटना में उनके दोनों पैर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए थे। साथी यात्रियों और चालक ने उन्हें तुरंत बाहर निकाला और मीरा रोड के वॉकहार्ट अस्पताल पहुंचाया गया।
वॉकहार्ट अस्पताल की प्लास्टिक सर्जन डॉ. श्रद्धा देशपांडे के नेतृत्व में एक मेडिकल टीम ने किंजल शाह के पैरों को बचाने के लिए आपातकालीन उपचार शुरू किया। घाव की गंभीरता का पता लगाने के लिए एक एमआरआई स्कैन किया गया, जिसमें पता चला कि अत्यधिक रक्त की हानि के साथ त्वचा और मांसपेशियों को पूरी तरह से कुचल दिया गया था।
रोगी की जान बचाने के लिए तत्काल सर्जरी की गई जिसमें क्षतिग्रस्त ऊतकों को हटा दिया गया और चोट के उपचार के लिए विशेष नकारात्मक दबाव चिकित्सा (negative pressure therapy) का उपयोग किया गया। इसके अतिरिक्त, उन्हें कई रक्त चढ़ाए गए एवं उच्च एंटीबायोटिक्स दिए गए। कुशल डॉक्टरों ने कई सर्जरी करके दोनों पैरों का सफलतापूर्वक पुनर्निर्माण किया।
वॉकहार्ट अस्पताल के डॉक्टरों की वजह से, किंजल शाह न केवल जीवित बच गईं, बल्कि अब पूरी तरह से ठीक हो चुकी हैं। अपनी नियमित दिनचर्या में वापस आकर वह खुश महसूस कर रही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस प्रकार के गंभीर घावों का तत्काल उपचार बेहद महत्वपूर्ण होता है। समय पर कार्रवाई नहीं करने से संक्रमण या सेप्सिस (sepsis) का खतरा बढ़ जाता है जो जानलेवा साबित हो सकता है।