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Worli Helipad Proposal: वर्ली हेलीपैड बनेगा दक्षिण मुंबई का पहला सार्वजनिक हेलीपैड, बीएमसी ने केंद्र सरकार को भेजा मंजूरी प्रस्ताव

Worli Helipad Proposal: वर्ली हेलीपैड बनेगा दक्षिण मुंबई का पहला सार्वजनिक हेलीपैड, बीएमसी ने केंद्र सरकार को भेजा मंजूरी प्रस्ताव

Worli Helipad Proposal: मुंबई का तटीय सड़क परियोजना अपने आप में एक ऐतिहासिक कदम है, जो शहर की सूरत बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस परियोजना का एक नया और रोमांचक हिस्सा है वर्ली में प्रस्तावित हेलीपैड, जो न केवल शहर की कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, बल्कि आपातकालीन सेवाओं और पर्यटन को भी नया आयाम देगा। इस हेलीपैड को वर्ली जेटी पर बनाया जा रहा है, जो पहले से ही तटीय सड़क परियोजना का हिस्सा रहा है। यह सुविधा दक्षिण मुंबई में पहला सरकारी समर्थित सार्वजनिक हेलीपैड होगा, जो आम लोगों के लिए भी उपलब्ध होगा। इस लेख में हम इस परियोजना के इस खास पहलू को विस्तार से समझेंगे और जानेंगे कि यह मुंबई के लिए क्यों महत्वपूर्ण है।

मुंबई तटीय सड़क परियोजना (Mumbai Coastal Road Project) का नाम सुनते ही एक ऐसी तस्वीर उभरती है, जो शहर की भीड़भाड़ को कम करने और आवागमन को आसान बनाने का वादा करती है। इस परियोजना का एक हिस्सा, वर्ली जेटी पर बनने वाला हेलीपैड (Worli Helipad), अब चर्चा का केंद्र बन गया है। यह हेलीपैड न केवल आपातकालीन सेवाओं जैसे अस्पतालों के लिए महत्वपूर्ण होगा, बल्कि निजी ऑपरेटरों और पर्यटकों के लिए भी खुला रहेगा। इसका मतलब है कि यह सिर्फ वीआईपी के लिए नहीं, बल्कि आम लोग भी इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। इसकी तुलना जुहू में मौजूद हेलीपैड से की जा रही है, जो पहले से ही निजी ऑपरेटरों द्वारा उपयोग किया जाता है। इस तरह की सुविधा दक्षिण मुंबई में पहली बार उपलब्ध होगी, जो इस क्षेत्र को और भी खास बनाएगी।

वर्ली जेटी, जिसे मूल रूप से हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (HCC) ने तटीय सड़क परियोजना के लिए बनाया था, एक अस्थायी संरचना थी। इस जेटी को परियोजना के पहले चरण के पूरा होने के बाद हटाने की योजना थी, जैसा कि टाटा गार्डन के पास वाली जेटी के साथ किया गया। लेकिन महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के निर्देश पर इस जेटी को हेलीपैड में बदलने की संभावना तलाशी गई। इस विचार ने तब रफ्तार पकड़ी जब बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने इसकी व्यवहार्यता का अध्ययन शुरू किया। इस अध्ययन के लिए भारत सरकार के उपक्रम पवन हंस लिमिटेड को सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया। पवन हंस ने अपनी रिपोर्ट में पुष्टि की कि यह जेटी संरचनात्मक रूप से हेलीपैड के लिए उपयुक्त है। इस सकारात्मक रिपोर्ट के बाद, बीएमसी ने इस प्रस्ताव को भारत सरकार के पर्यावरण और वन मंत्रालय (Ministry of Environment & Forest) को मंजूरी के लिए भेज दिया है।

यह हेलीपैड (वर्ली हेलीपैड, Worli Helipad) मुंबई के लिए कई मायनों में गेम-चेंजर साबित हो सकता है। दक्षिण मुंबई में कोई सार्वजनिक हेलीपैड नहीं होने के कारण, यह सुविधा आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के लिए एक वरदान होगी। उदाहरण के लिए, किसी गंभीर मरीज को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, यह पर्यटन को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा। मुंबई जैसे शहर में, जहां समय की कीमत सबसे ज्यादा है, हेलीपैड से यात्रा का समय काफी कम हो सकता है। निजी ऑपरेटरों के लिए भी यह एक बड़ा अवसर है, क्योंकि वे इस हेलीपैड का उपयोग करके अपनी सेवाएं दे सकेंगे। बीएमसी के आयुक्त भूषण गग्रानी ने कहा है कि मंजूरी मिलते ही इस सुविधा को तुरंत शुरू किया जा सकता है। यह सुनिश्चित करता है कि यह हेलीपैड शहर के लिए जल्द से जल्द उपयोगी बन सके।

इस परियोजना की एक और खास बात यह है कि यह तटीय सड़क परियोजना (मुंबई तटीय सड़क परियोजना, Mumbai Coastal Road Project) का हिस्सा है, जो पहले ही शहर की आधारभूत संरचना को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रही है। यह सड़क न केवल मुंबई के यातायात को सुगम बनाती है, बल्कि शहर की खूबसूरती को भी बढ़ाती है। वर्ली जेटी पर बनने वाला हेलीपैड इस परियोजना को और भी बहुआयामी बनाता है। यह जेटी, जो पहले केवल निर्माण के लिए उपयोग की जा रही थी, अब एक ऐसी सुविधा में बदल रही है जो शहर के विकास और सुविधा के लिए नए द्वार खोलेगी।

हालांकि, इस हेलीपैड को शुरू करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण मंजूरियां लेनी जरूरी हैं। पर्यावरण और वन मंत्रालय के अलावा, गृह मंत्रालय, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA), और तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) प्राधिकरण से भी अनुमति की आवश्यकता होगी। इन मंजूरियों का इंतजार अब इस परियोजना का अगला कदम है। बीएमसी का कहना है कि इन अनुमतियों के बाद हेलीपैड को तुरंत चालू किया जा सकता है। यह प्रक्रिया जटिल हो सकती है, क्योंकि तटीय क्षेत्र में निर्माण के लिए सख्त नियम हैं, लेकिन बीएमसी और पवन हंस की सकारात्मक रिपोर्ट इस बात का भरोसा दिलाती है कि यह परियोजना सही दिशा में बढ़ रही है।

मुंबई जैसे व्यस्त और जीवंत शहर में, जहां हर दिन लाखों लोग अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए जूझते हैं, वर्ली हेलीपैड जैसी सुविधा एक नया विकल्प प्रदान करेगी। यह न केवल समय बचाएगा, बल्कि शहर की आपातकालीन सेवाओं को भी मजबूत करेगा। साथ ही, यह पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण बन सकता है, जो हेलीकॉप्टर से मुंबई की खूबसूरती को देखना चाहते हैं। यह परियोजना मुंबई के भविष्य को और भी उज्ज्वल बनाने की दिशा में एक और कदम है।

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