Mumbai Crime News: जहां एक तरफ मुंबई पुलिस के कार्यप्रणाली की तारीफ होती है, तो वहीं कुछ ऐसे मामले सामने आते हैं, जिससे आम पब्लिक से लेकर खुद पुलिस महकमें तक में खलबली मचा देने का काम करते हैं. कुछ ऐसा ही खुलासा किया है मुंबई पुलिस में तैनात 8 महिला पुलिसकर्मियों ने. इन्होंने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर बलात्कार करने का बहुत ही गंभीर आरोप लगाया है. सीएम को लिखे इस पत्र ने पूरे पुलिस महकमें में सनसनी फैलाने का काम किया है.
खबरों से मिली जानकारी के अनुसार, ये घटना मुंबई पुलिस के नागपाड़ा मोटर परिवहन विभाग से सामने आई है. मोटर परिवहन विभाग में कार्यरत 8 महिला पुलिस कांस्टेबलों ने ये आरोप लगाया है कि उनके साथ उनके 3 सीनियर अफसरों ने बलात्कार किया है.
सीएम को लिखे पत्र में किया खुलासा
बताया जा रहा है कि खुद उन 8 महिला पुलिसकर्मियों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मुंबई कमिश्नर को पत्र लिखा है. उनके द्वारा लिखा गया ये पत्र सोशल मडिया पर जमकर वायरल भी हो रहा है. उन महिला पुलिसकर्मियों ने पत्र में जिक्र किया है कि 2 इंस्पेक्टर, एक पुलिस उपायुक्त और 3 कॉन्सटेबलों ने मिलकर उनका शारीरिक शोषण किया है.
गर्भपात कराने का भी लगाया आरोप
रिपोर्ट के अनुसार 8 महिला पुलिसकर्मियों का सीनियर पुलिसकर्मियों ने एक बार नहीं, बल्कि कई बार कई दिनों तक शारीरिक शोषण किया. और जब वो गर्भवती हुईं तो जबरदस्ती उनका गर्भपात भी करवा दिया. महिला पुलिसकर्मियों ने ये आरोप भी लगाया है कि उन आरोपियों ने उनके साथ बार-बार दुष्कर्म किया और वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी भी दी. इन सबसे परेशान होकर उन पीड़ित महिलाओं ने सीएम को पत्र लिखा, जिससे पूरे पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया है.
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अधिकारियों के दफ्तर में किया शारीरिक शोषण
सीएम को लिखे खत में उन 8 महिला पुलिसकर्मियों के नाम और हस्ताक्षर हैं. पत्र में उन्होंने लिखा है कि उनका पूरा परिवार गांव में रहता है. वे सभी अकेली ही मुंबई में रहती हैं. उन्हें पुलिस बल के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. इसी बात का फायदा उन आरोपियों ने उठाया और बार-बार उनके साथ शारीरिक संबंध बनाए और उनका शोषण किया.
CBI से कर रहीं जांच की मांग
सीएम को लिखे पत्र में उन 8 पीड़ित महिलाओं ने अपनी शिकायत के साथ वो राज्य के डिप्टी सीएम के पास गई थीं, लेकिन उन्होंने अपने केबिन से उन्हें बाहर निकाल दिया था. ऐसे में अब पीड़ित महिलाओं की मांग है कि इस पूरे मामले की जांच का जिम्मा CBI, साइबर जेल और क्राइम ब्रांच से करवाई जाए. उधर मुंबई पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच शुरु कर दी है. लेकिन हैरानी की बात है कि जब उन महिला पुलिस कॉन्सटेबलों से इस मामले को लेकर संपर्क किया गया तो उन्होंने साफ तौर पर इस बात से इनकार कर दिया कि उनमें से किसी ने भी इस खत को लिखा है. उन्होंने साफ-साफ कहा कि, “हमने ये खत नहीं लिखा है” ऐसे में अब ये विषय और ज्यादा जांच का बन गया है. अब सवाल ये उठता है कि अगर उम महिलाओं ने खत लिखा और आरोप लगाए तो फिर उससे मुकर क्यों गईं? या फिर अगर उन्होंने वाकई में ये खत नहीं लिखा तो फिर किसने और क्यों लिखा?