Mumbai Marathi Row: मुंबई में एक दिल्ली के पत्रकार के साथ हुई घटना ने सबको हैरान कर दिया है। एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने एक पत्रकार को सिर्फ इसलिए घेर लिया, क्योंकि वह मराठी नहीं बोल पा रहा था। यह पत्रकार दिल्ली से मुंबई एक खबर कवर करने के लिए कुछ घंटों के लिए आया था। लेकिन MNS कार्यकर्ताओं ने उसे गालियां दीं, धमकाया और मराठी बोलने के लिए मजबूर किया।
The reporter said, “I don’t live here, I’ve come from Delhi just now to report this,” and yet those morons were like, “Speak in Marathi,” almost ready to lynch him.
So, if someone even goes there for a few hours, they’ll have to learn Marathi first?
It is applicable to your… pic.twitter.com/uVPlBcCSQG
— Mr Sinha (@MrSinha_) July 21, 2025
वीडियो में साफ दिख रहा है कि MNS कार्यकर्ता पत्रकार को आक्रामक तरीके से घेर रहे हैं। वे चिल्ला रहे हैं, “चाहे तुम दिल्ली से हो, अहमदाबाद से हो या राजस्थान से, महाराष्ट्र में मराठी बोलनी पड़ेगी।” हालात तब और बिगड़ गए, जब कार्यकर्ताओं ने पत्रकार को मराठी में एक वाक्य दोहराने के लिए कहा और उसे रिकॉर्डिंग बंद करने की धमकी दी। पत्रकार बार-बार कहता रहा, “मैं यहां रहता नहीं, मैं दिल्ली से अभी आया हूं, खबर कवर करने।” लेकिन कार्यकर्ता नहीं माने और उसे अपशब्द कहते रहे।
यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। लोगों ने इस घटना पर गुस्सा जाहिर किया। एक यूजर ने लिखा, “यह भाषा का गर्व नहीं, यह गुंडागर्दी है।” दूसरे ने कहा, “आज पत्रकार के साथ ऐसा हुआ, कल कोई पर्यटक, डॉक्टर या मरीज हो सकता है।” इस घटना ने मुंबई में गैर-मराठी भाषियों के खिलाफ बढ़ती असहिष्णुता पर सवाल उठाए हैं।
MNS और इसके नेता राज ठाकरे पहले भी मराठी भाषा और स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की वकालत करते रहे हैं। लेकिन इस तरह की हिंसक घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। हाल ही में, ठाणे में एक दुकानदार को मराठी न बोलने पर MNS कार्यकर्ताओं ने थप्पड़ मारा था। एक अन्य मामले में, पालघर में एक ऑटो ड्राइवर को मराठी न बोलने पर शिवसेना (UBT) और MNS समर्थकों ने पीटा था।
पुलिस ने इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं की है। MNS की ओर से भी कोई बयान नहीं आया है। लेकिन सोशल मीडिया पर लोग इस घटना को प्रेस की आजादी और बाहरी लोगों के साथ भेदभाव से जोड़कर देख रहे हैं। कई लोगों ने कहा कि यह घटना मुंबई जैसे शहर में, जो भारत की आर्थिक राजधानी है, भाषाई कट्टरता को दर्शाती है।