मुंबई की आजाद मैदान पुलिस ने एक ऐसी सफलता हासिल की है, जो अपराध की दुनिया में चर्चा का विषय बन गई है। 37 साल से फरार एक खूंखार गैंगस्टर को आखिरकार पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। इस गैंगस्टर पर हत्या का प्रयास और अवैध हथियार रखने जैसे गंभीर आरोप हैं। आइए, इस रोमांचक कहानी को विस्तार से जानते हैं।
कौन है ये गैंगस्टर?
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए गैंगस्टर का नाम मंगेश गोविंद मोरे, उर्फ मंगेश मांजरेकर है। ये डोंबिवली के शास्त्री नगर का रहने वाला था। मांजरेकर 1988 से एक हत्या के प्रयास के मामले में फरार था। उस समय दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। इसके अलावा, उसके खिलाफ कई अन्य आपराधिक मामले भी दर्ज थे।
37 साल तक कैसे बचा रहा मांजरेकर?
मंगेश मांजरेकर ने पुलिस को चकमा देने के लिए हर मुमकिन कोशिश की। उसने न केवल अपना परिवार छोड़ दिया, बल्कि अपने रिश्तेदारों से भी सारे संबंध तोड़ लिए। पुलिस को उसके बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं थी। केवल इतना पता था कि उसका पैतृक गांव रायगढ़ जिले के महाड तालुका में रानवाड़ नामक स्थान पर है।
पुलिस ने इस जानकारी के आधार पर उसकी गतिविधियों पर नजर रखी, लेकिन मांजरेकर इतना चालाक था कि वो अपने गांव भी नहीं लौटता था। आखिरकार, पुलिस को पता चला कि वो अपने गांव से 15 किलोमीटर दूर, वाकी बुद्रुक के नानेमाची गांव में छिपा हुआ है। ये गांव एक पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है, जहां न तो कोई पक्की सड़क है और न ही मोबाइल नेटवर्क की सुविधा। ऐसे दुर्गम इलाके में छिपकर मांजरेकर पुलिस की नजरों से बच रहा था।
पुलिस ने कैसे पकड़ा?
आजाद मैदान पुलिस की तड़ीपार सेल ने इस मामले में जबरदस्त मेहनत की। बिना किसी ठोस सुराग के भी पुलिस ने हार नहीं मानी। उन्होंने रानवाड़ और आसपास के इलाकों में अपनी निगरानी बनाए रखी। जब पुलिस को मांजरेकर के नानेमाची में होने की खबर मिली, तो उन्होंने तुरंत एक टीम भेजी। इस दुर्गम पहाड़ी इलाके में पहुंचकर पुलिस ने मांजरेकर को धर दबोचा।
ये गिरफ्तारी क्यों है खास?
37 साल तक फरार रहने वाले अपराधी को पकड़ना कोई आसान काम नहीं है। मंगेश मांजरेकर ने पुलिस को चकमा देने के लिए हर हथकंडा अपनाया, लेकिन मुंबई पुलिस की लगन और मेहनत ने उसे आखिरकार सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। ये गिरफ्तारी न केवल पुलिस की कार्यकुशलता को दर्शाती है, बल्कि ये भी संदेश देती है कि अपराधी कितना भी छिपने की कोशिश कर ले, कानून का शिकंजा उस तक पहुंच ही जाता है।
मुंबई पुलिस की इस उपलब्धि ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अपराधियों के लिए कोई भी ठिकाना सुरक्षित नहीं है। मंगेश मांजरेकर जैसे गैंगस्टर की गिरफ्तारी से न केवल पुराने मामले का समाधान हुआ, बल्कि समाज में कानून के प्रति विश्वास भी बढ़ा।
ये भी पढ़ें: मुंबई में कोकीन तस्करी पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 22 करोड़ की ड्रग्स बरामद