मुंबई में एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है, जहां कुछ लोगों ने महाडा के अधिकारी बनकर एक व्यापारी को करोड़ों का चूना लगा दिया। मलाड पुलिस ने इस मामले में चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। यह घटना दर्शाती है कि कैसे फर्जी महाडा अधिकारी [Fake Mhada Officers] लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।
धोखाधड़ी का शिकार बने व्यापारी की कहानी
प्रशांत जैन, जो पहले कालबादेवी में ज्वैलरी की दुकान चलाते थे और अब जावेरी बाजार में एक गोल्ड कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर हैं, की मुलाकात 2019 में फर्जी महाडा अधिकारी [Fake Mhada Officers] बने आरोपियों से हुई। योगेश पोटे ने सचिन धुरी को महाडा फ्लैट्स डिस्ट्रीब्यूशन ऑफिसर क्लास-1 के रूप में प्रशांत से मिलवाया, जबकि महादेव बोधले और सतीश जाधव को उनके सहायक के रूप में पेश किया।
धोखाधड़ी का जाल
आरोपियों ने एक बड़ी चाल चली और जैन को बताया कि धुरी उन फ्लैट्स का प्रभारी है जो लॉटरी विजेताओं द्वारा दस्तावेज जमा न करने के कारण महाडा के पास पड़े हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इन फ्लैट्स को बिना लॉटरी सिस्टम के सीधे धुरी से रियायती कीमत पर खरीदा जा सकता है। इसके लिए बस महाडा को एक लेटर ऑफ इंटेंट और वास्तविक लॉटरी विजेता से एनओसी की जरूरत होगी। करोड़ों की ठगी महाडा फ्लैट के नाम पर [Crores Fraud in Name of Mhada Flat] करने के लिए आरोपियों ने एक सोची-समझी योजना बनाई।
घटनाक्रम और जांच
आरोपियों ने जैन की मुलाकात कुछ कथित लॉटरी विजेताओं से करवाई। जैन को एक फ्लैट पसंद आया और आरोपियों ने टोकन और अन्य शुल्क के नाम पर उनसे 1.02 करोड़ रुपये नकद वसूल लिए। उन्होंने जैन को आश्वासन दिया कि उन्हें जल्द ही सभी भुगतान रसीदें और फ्लैट अलॉटमेंट लेटर मिल जाएगा। हालांकि, आरोपियों ने अपने वादे कभी पूरे नहीं किए और कोविड लॉकडाउन और सरकार बदलने का हवाला देकर समय बीताते रहे। जब जैन ने महाडा कार्यालय जाकर जांच की, तो पता चला कि ऐसे कोई अधिकारी महाडा में काम नहीं करते।