मुंबई

मियावाकी तकनीक: मुंबई में लगाए गए हज़ारों पेड़ सूख रहे हैं, क्या है वजह?

मियावाकी तकनीक: मुंबई में लगाए गए हज़ारों पेड़ सूख रहे हैं, क्या है वजह?

मुंबई में प्रदूषण और जगह की कमी की वजह से पेड़ लगाना और उन्हें ज़िंदा रखना, दोनों ही मुश्किल हो गए हैं. इसीलिए, कुछ सालों से बीएमसी मियावाकी नाम की एक जापानी तकनीक से ‘अर्बन फॉरेस्ट’ बनाने की कोशिश कर रही है. इसमें एक छोटी सी जगह में बहुत सारे पेड़ घने जंगल की तरह लगाए जाते हैं. लेकिन, अब एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिससे पता चलता है कि इनमें से बड़ी तादाद में पेड़ लगाने के कुछ ही समय बाद सूख रहे हैं.

वाचडॉग फाउंडेशन नाम की संस्था ने मुंबई के सभी 24 वार्ड्स से जानकारी हासिल की है. इन आंकड़ों के मुताबिक, अब तक कुल 6,043 मियावाकी पेड़ ट्रांसप्लांट करके लगाए गए थे, जिनमें से 4,444  सूख चुके हैं! अलग-अलग वार्ड्स के आंकड़े तो और भी डराने वाले हैं. जैसे, एफ नॉर्थ वार्ड में 966 पेड़ लगाए गए थे, जिनमें से 979 मर गए हैं. यानी, मरने वाले पेड़ों का प्रतिशत कई जगहों पर 70% से भी ज़्यादा है.

वाचडॉग फाउंडेशन के गॉडफ्रे पिमेंटा का कहना है कि बीएमसी को मियावाकी के बजाए उन पेड़ों को लगाने पर ज़ोर देना चाहिए जो मुंबई के वातावरण में आसानी से उगते हैं. बड़े और घने पेड़ों की शहर को ज़्यादा ज़रूरत है. बीएमसी का कहना है कि वो इन आंकड़ों की जांच कर रहे हैं. गार्डन डिपार्टमेंट के सुपरीटेंडेंट जितेंद्र परदेशी के मुताबिक, मुंबई में कुल मिलाकर अब तक 5,72,000 मियावाकी पेड़ लगाए जा चुके हैं.

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