Vidarbha Seat-Sharing Conflict: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर गतिरोध बना हुआ है। विशेष रूप से विदर्भ क्षेत्र की सीटों को लेकर कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के बीच तनाव देखा जा रहा है।
महाविकास अघाड़ी विवाद (MVA Alliance Dispute) की शुरुआत विदर्भ क्षेत्र की सीटों से हुई है। महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए महाविकास अघाड़ी विवाद (MVA Alliance Dispute) गहराता जा रहा है। इस गठबंधन में शामिल कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के बीच विदर्भ की सीटों को लेकर मतभेद सामने आए हैं।
विदर्भ में कांग्रेस का दावा
विदर्भ क्षेत्र में कुल 62 विधानसभा सीटें हैं। कांग्रेस का मानना है कि इस क्षेत्र में उनका जनाधार मजबूत है। लोकसभा चुनाव 2024 में विदर्भ की दस में से सात सीटें जीतने के बाद कांग्रेस का आत्मविश्वास और बढ़ गया है। पार्टी का कहना है कि वह इस क्षेत्र में ज्यादा सीटें नहीं छोड़ सकती।
शिवसेना की मांग और तनाव
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) विदर्भ में कम से कम आठ सीटें मांग रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत का कहना है कि उनके भी इस क्षेत्र से चार-पांच सांसद हैं। उनका तर्क है कि अगर उन्हें एक या दो सीटें मिल जाएं तो इसमें कोई हर्ज नहीं है।
विदर्भ सीट बंटवारा संघर्ष (Vidarbha Seat-Sharing Conflict) को सुलझाने के लिए शरद पवार की मध्यस्थता भी सामने आई है। एनसीपी प्रमुख ने कांग्रेस आलाकमान से बात की है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। महाविकास अघाड़ी में कुल 288 सीटों में से 210 सीटों पर सहमति बन चुकी है, लेकिन बाकी सीटों को लेकर विवाद जारी है।
नई चुनौतियां और समीकरण
इस बीच समाजवादी पार्टी ने भी महाविकास अघाड़ी से बारह सीटों की मांग की है। पार्टी ने पहले ही कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। यह स्थिति गठबंधन के लिए एक नई चुनौती बन गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सफलता ने पार्टी का आत्मविश्वास बढ़ा दिया है, जिसके कारण वह सीटों के मामले में लचीला रुख नहीं अपना रही है।
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