नवी मुंबई के शाहबाज गांव में एक सुबह ऐसी आई, जिसने लोगों की जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया। 27 जुलाई की वह सुबह, जब लोग गहरी नींद में थे, अचानक एक इमारत धराशायी हो गई। यह घटना सुबह करीब 4:30 बजे की है, जब एक जी प्लस तीन मंजिला इमारत अचानक ढह गई।
इस घटना ने पूरे गांव में हड़कंप मचा दिया। जैसे ही इमारत गिरने की आवाज आई, लोग दहशत में आ गए। कुछ ही पलों में, 52 लोग अपनी जान बचाने के लिए इमारत से बाहर भाग निकले। लेकिन इस त्रासदी में दो लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं, जिनकी तलाश जारी है।
इस घटना की शुरुआत रात के अंधेरे में हुई थी। जोया देशमुख, जो इस इमारत में रहती थीं, उन्हें सुबह करीब 3:45 बजे एक फोन आया। फोन उनके नीचे के फ्लैट में रहने वाली एक महिला का था। उस महिला ने जोया को बताया कि इमारत में दरारें आ गई हैं। यह सुनते ही जोया ने तुरंत अपने पड़ोसियों को सूचित किया।
नवी मुंबई में तीन मंजिला इमारत गिरी..
26 परिवार रहते थे.. समय रहते सभी को बाहर निकाल जा चुका था.
इमारत काफी कमजोर हो चुकी थी.
2 लोगो के फसे होने की जानकारी मिल रही है.@NDRFHQ मौके पर पहुंची है.
घटना आज सुबह 5.25 बजे की है. pic.twitter.com/x9PYcxgKuW
— Vivek Gupta (@imvivekgupta) July 27, 2024
जोया की इस सतर्कता ने कई लोगों की जान बचाई। उन्होंने बताया कि अगर उन्हें वह फोन नहीं आया होता, तो शायद आज कई लोग जीवित नहीं होते। जोया ने यह भी बताया कि पिछले कुछ दिनों से ग्राउंड फ्लोर पर स्थित सैलून में कुछ टूटने की आवाजें आ रही थीं, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
फायर ऑफिसर पुरुषोत्तम जाधव ने इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें सुबह करीब 4:50 बजे इमारत ढहने की सूचना मिली। जब वे मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि मलबे में दो लोग फंसे हुए थे। बचाव दल ने तुरंत काम शुरू किया और सैफ अली और रुक्सार खातून को जिंदा बाहर निकाला। लेकिन अभी भी दो लोग – मोहम्मद सिराज और एक अन्य व्यक्ति – के फंसे होने की आशंका है।
VIDEO | A three-storey building collapsed in Navi Mumbai’s Shahbaz village, people feared trapped. Rescue work underway.
“This building collapsed at around 7 am. It was a three-storey building. 39 adults and 13 children were living in the building. Two people have been rescued… pic.twitter.com/4tWpp2bL1f
— Press Trust of India (@PTI_News) July 27, 2024
इस घटना ने स्थानीय निवासियों को भी झकझोर कर रख दिया है। सतीश गोंड, जो इस इमारत में रहते थे, ने बताया कि पिछले दो दिनों से इमारत के स्तंभों में दरारें दिख रही थीं। लेकिन किसी को नहीं पता था कि यह इतना बड़ा रूप ले लेगा। उन्होंने बताया कि इमारत में कुल 17 फ्लैट और दो दुकानें थीं, जिनमें लगभग 50 लोग रह रहे थे।
नवी मुंबई के नगर आयुक्त कैलाश शिंदे ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह इमारत सिर्फ 10 साल पुरानी थी। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे इस बात की जांच करेंगे कि इतनी कम उम्र की इमारत कैसे ढह गई। उन्होंने यह भी बताया कि इमारत ढहने से ठीक पहले 39 वयस्क और 13 बच्चे सुरक्षित बाहर निकल आए थे।
इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या इमारत की गुणवत्ता में कोई कमी थी? क्या नियमित जांच और मरम्मत की कमी इसका कारण थी? या फिर यह किसी प्राकृतिक कारण से हुआ? इन सवालों के जवाब अभी नहीं मिले हैं, लेकिन जांच जारी है।
इस बीच, बचाव कार्य पूरे जोर-शोर से चल रहा है। वाशी, सीबीडी बेलापुर और नेरुल फायर ब्रिगेड की टीमों के साथ-साथ एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर मौजूद है। वे लगातार मलबे में फंसे लोगों को ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं।
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